कुदरत और आंदोलन की मार से रेलवे लाचार
- आपदा और आंदोलन से रेलवे को 41.63 करोड़ का चूना
- विभिन्न कारणों से नवंबर तक रहीं एनई रेलवे की 773 ट्रेंस कैंसिल - बड़ी ट्रेन कैंसिलेशन से हुआ रेलवे को भारी नुकसान, पैसेंजर्स भी हुए परेशान GORAKHPUR: प्राकृतिक आपदा, कोहरा, घटनाएं, आंदोलन, रेल चक्का जाम इस बार एनई रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। कुदरत और आंदोलन की मार से रेलवे बिल्कुल लाचार हो गया है। इसकी वजह से जहां उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है, वहीं पैसेंजर्स भी इससे काफी परेशान हुए हैं। नवंबर महीने तक एनई रेलवे को सिर्फ ट्रेन कैंसिलेशन से कुल 41.63 करोड़ रुपए का चूना लगा है। इस दौरान 773 ट्रेंस कैंसिल रहीं है। फरवरी तक कैंसिल रहेगी ट्रेंसरेलवे पर कुदरत का कहर काफी जोरों से टूटा है। पहले भूकंप ने उनकी मुश्किलें बढ़ाई और अब कोहरे ने परेशान करना शुरू कर दिया है। अभी आने वाले दिनों में कोहरे की वजह से कई ट्रेंस को कैंसिल कर दिया गया है। वहीं लेट होने की वजह से उन्हें रीशेड्यूल्ड भी करना पड़ रहा है। इससे आज जाने वाली ट्रेन अगले दिन रवाना हो रही है। जिसका असर रेलवे के राजस्व और पैसेंजर्स की जर्नी पर पड़ रहा है। हालांकि इसके विकल्प के तौर पर एनई रेलवे की ओर से अन्य स्पेशल ट्रेंस चलाई हैं, लेकिन जिस तरह से उनके लेट होने का सिलसिला जारी है, उससे पैसेंजर्स को राहत मिलती नहीं नजर आ रही है।
8.53 लाख पैसेंजर्स हुए परेशान इस साल इतनी बड़ी ट्रेन कैंसिलेशन से रेलवे को तो करोड़ों का नुकसान सहना पड़ा है। वहीं मगर इस वजह से करीब 8.53 लाख पैसेंजर्स भी परेशान हुए हैं। एनई रेलवे के रिकार्ड पर नजर डालें तो नवंबर महीने तक कैंसिल हुई 773 ट्रेंस से जहां एनई रेलवे को 41.63 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, वहीं 8.53 लाख पैसेंजर्स को अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचने के लिए दूसरे ऑप्शन तलाशने पड़े हैं। अब आने वाले दिनों में रेल प्रशासन इस भारी नुकसान की भरपाई कैसे करेगा, इसको लेकर रेलवे की ओर से तैयारियां भी शुरु कर दी गई हैं। आपदा और घटनाओं की वजह से रेलवे को काफी नुकसान हुआ है। इससे एनई रेलवे की अर्निग में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि पिछले साल की तुलना में एनई रेलवे की आय बढ़ी है। बावजूद इसके जो नुकसान हुआ है, इसके लिए लगातार स्पेशल ट्रेंस आदि चलाकर एनई रेलवे की अर्निग बढ़ाई जा रही है। संजय यादव, सीपीआरओ, एनई रेलवे