गीता प्रेस आने वाले पहले पीएम होंगे नरेंद्र मोदी, दो बार आ चुके है राष्ट्रपति
गोरखपुर (ब्यूरो)। 1923 में स्थापित गीता प्रेस की शताब्दी वर्ष समारोह का औपचारिक शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सीएम योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की उपस्थिति में 4 जून 2022 को किया था। तब श्री कोविंद ने गीता प्रेस का भ्रमण, यहां के लीलाचित्र मंदिर का अवलोकन करने के साथ ही आर्ट पेपर पर छपी श्रीरामचरितमानस के विशेष अंक व गीता तत्व विवेचनी का विमोचन किया था। तब श्री कोविंद ने कहा था कि गीता प्रेस एक सामान्य प्रिंटिंग प्रेस नहीं, बल्कि समाज का मार्गदर्शन करने वाला साहित्य का मंदिर है। सनातन धर्म और संस्कृति को बचाए रखने में इसकी भूमिका मंदिरों और तीर्थ स्थलों जितनी ही महत्वपूर्ण है। अब 7 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष का समापन समारोह होने जा रहा है। खास बात यह भी है कि नरेंद्र मोदी गीता प्रेस आने वाले पहले पीएम होंगे। गीता प्रेस में वह आर्ट पेपर पर मुद्रित श्री शिव महापुराण के विशिष्ट अंक (रंगीन, चित्रमय) का भी विमोचन करेंगे। लीला चित्र मंदिर में दीवारों पर श्रीमद्भागवत गीता के 18 अध्याय
गीता प्रेस की स्थापना के बाद से यहां विशिष्ट जनों का प्राय: आना होता रहता है। यदि सत्ता व्यवस्था के शीर्ष को देखें तो अब तक दो राष्ट्रपति यहां आ चुके हैं। पीएम का आगमन पहली बार होगा। गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी के मुताबिक 1955 में देश के पहले राष्ट्रपति डॉ। राजेंद्र प्रसाद यहां आए थे। तब उन्होंने यहां स्थित विश्व प्रसिद्ध लीला चित्र मंदिर और गीता प्रेस के मुख्य द्वार का लोकार्पण किया था। लीला चित्र मंदिर में श्रीमद्भागवत गीता के 18 अध्याय दीवारों पर लिखे गए हैं। उस वक्त जब शताब्दी वर्ष का पड़ाव आया तो इस साल विशेष को यादगार बनाने के लिए गीताप्रेस ने सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में शुभारंभ अवसर पर राष्ट्रपति और समापन समारोह में पीएम को आमंत्रित किया।