- गोला के वार्ड नं 8 के गौशाला के शिवालय में नंदी की मूर्ति तीन दिन से पी रही दूध

- दूध पिलाने के लिए सैकड़ों की संख्या में जुटे श्रद्धालु

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

20 साल पहले भारत में पहली बार नंदी केदूध पीने की घटना ने पूरे विश्व को आश्चर्यचकित कर दिया था। वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि यह अंधविश्वास है लेकिन कोई भी यह साबित नहीं कर पाया था कि आखिर दूध जा कहां रहा है? एक बार फिर नंदी भगवान के दूध पीने की बात ने सनसनी फैला दी है। गोला के वार्ड नं 8 में गौशाला स्थित शिवालय पर भक्तों का तांता लगा हुआ है। इस मंदिर में नंदी भगवान की मूर्ति दूध पी रही है। स्थानीय लोगों की मानें तो यह सिलसिला वेंस्डे से चल रहा है। तीन दिन में सैकड़ों लोग नंदी की मूर्ति को कई लीटर दूध पिला चुके हैं। अब यह बात गोला से उड़कर आग की तरह फैलना शुरू हो गई है और अब यह गोरखपुर तक पहुंच गई है। एक वीडियो भी व्हाटसअप पर वायरल हो गया है। वहीं इस मामले में कोई प्रशासनिक अधिकारी कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं।

एक लड़की के हाथ से पहली बार पीया दूध

वेंस्डे को अधिमास का अंतिम दिन था। जिले के शिव मंदिरों में भगवान शंकर की पूजा करने वालों की भारी भीड़ लगी हुई थी। गोला के वार्ड नं। 8 के हीरालाल के दरवाजे पर सालों पुराना मंदिर बना हुआ था। वार्ड निवासी इसी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए एकत्रित हुए थे। सुबह 8 बजे वार्ड में ही रहने वाली पूजा गिलास में दूध लेकर नंदी की मूर्ति पर चढ़ा रही थी। उसका चम्मच नंदी के मुंह के सामने जैसे ही पहुंचा, तो दूध मूर्ति के मुंह में चला गया। इस घटना से चकित पूजा ने अपने साथ आई अन्य महिलाओं को बताया। सभी नंदी की मूर्ति के पास एकत्रित हो गईं और नंदी को दूध पिलाने लगी। धीरे-धीरे यह बात पूरे वार्ड और गोला उपनगर में फैल गई। शाम होते-होते मंदिर के पास भारी संख्या में भीड़ एकत्रित हो गई। महिलाएं और पुरुष पूजा करने के लिए लाइन में लग गए। मंदिर में भगवान भोले शंकर के जयकारे लगने लगे। लोगों का कहना था कि भगवान नंदी भी भक्तों को निराश नहीं करते हुए उनके द्वारा अर्पित दूध को ग्रहण करने में देर नहीं कर रहे हैं। अदभुत चमत्कार से चकित लोगों ने नन्दी भगवान के साथ वीडियो बनाना और सेल्फी लेना शुरू कर दिया।

वीडियो में दूध पी रहे नंदी

नंदी भगवान के दूध पीने का एक वीडियो भी वायरल हो गया है। वीडियो में एक महिला चम्मच से मूर्ति के मुंह पर दूध लगा रही है, चंद सेकेंड में चम्मच खाली हो जा रहा है। आसपास के लोग इसकी फोटो और वीडियो बनाते दिखाई दे रहे हैं।

मैंने 10 साल पहले यह घर खरीदा था। दरवाजे पर मंदिर था पूजा करने के साथ ही साथ मंदिर की देखरेख भी मैं ही करता हूं। वेंस्डे को लोगों ने बताया कि मंदिर में नंदी की मूर्ति दूध पी रही है। उसके बाद से श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।

हीरालाल, मंदिर प्रबंधक

-------------------

पहले हो चुकी कुछ घटनाएं -

- 21 सितंबर 1995 में जयपुर में एक मामला प्रकाश में आया था। इस दौरान गणेश प्रतिमाओं ने आश्चर्यजनक रूप से दूध पिया था।

- 18 जून 2008 में फरीदाबाद के एफ ब्लॉक पार्क में स्थापित मंदिर की गणेश प्रतिमा ने दूध पीना शुरू कर दिया था। इस दौरान भक्तों का तांता लग गया और भजन कीर्तन भी शुरू हो गया।

- 13 अगस्त 2008 में सागर मध्यप्रदेश के कई स्थानों से शिवालयों में भगवान शंकर और नंदी की मूर्तियों के दूध और पानी पीने की खबरें आग की तरह फैली और फिर मंदिरों में श्रद्घालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

- 15 जून 2012 में लांबाहररिसिंह कस्बे के निकटवर्ती ग्राम पंचायत नगर के सदर बाजार में स्थित प्राचीन गणेश मंदिर में सुबह भगवान गणेश के दूध पीने की घटना सामने आई थी।

- 15 जुलाई 2012 में करौली जयपुर में गणेश और शिवजी के वाहन नंदिया के दूध पीने की सूचना पर श्रद्घालुओं का तांता उमड़ पड़ा था।

- 14 जुलाई 2015 आगरा के पास गुरूद्वारा गुरू का ताल के सामने स्थित सराय बेगा गांव में पथवारी मंदिर की मूर्तियों के दूध पीने की अफवाह उड़ गई। कुछ ही देर में गांव ही मूर्तियों को दूध पिलाने के लिए उमड़ पड़ा।

-----------------

किसी तांत्रिक के सम्मोहन की क्रिया है। चूंकि लोगों की आस्था है। इसलिए यह लोगों के बीच भ्रांति हैं कि नंदी दूध पी रहे हैं। विगत वर्षो में भी इससे पहले गणेश जी के दूध पीने की बात सामने आई थी। जो बाद में तांत्रिक सम्मोहन से जोड़ी गई।

पं। शरद चंद्र मिश्र, ज्योतिषाचार्य

इस प्रकार की घटनाएं पहले भी चर्चा में रही हैं। नंदी के दूध पीने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। प्राय: ऐसा होता है कि जब कम मात्रा में चम्मच या कटोरी से कोई तरल वस्तु किसी प्रतिमा या किसी सॉलिड बॉडी पर गिराई जाए तो सॉलिड और लिक्विड के बीच एडेहसन के कारण तरल पदार्थ की पतली परत उसके सतह के ऊपर से होकर नीचे की तरफ बहने लगती है। बहकर सॉलिड बॉडी के सरफेस से नीचे आती हैं। छोटे पात्र में जब कोई दूध गिराता है तो उसको आभास होता है कि मूर्ति दूध पी रही है। सतह पर होने से सॉलिड बॉडी सीमित मात्रा में अवशोषण करती है और यह किसी प्रकार से लिक्विड को ग्रहण नहीं कर सकती है। इस प्रकार के भ्रम से लोगों को बचना चाहिए। इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

- डॉ। गोविंद पांडेय, साइंटिस्ट

वार्ड 8 स्थित एक मंदिर में नंदी के दूध पीने की सूचना मिली थी। प्रशासनिक अमले के साथ मौके पर गया था। वहां महिलाएं दूध पिला रही थी। पूछने पर महिलाओं ने कहा कि शिव चर्चा कर रही हैं। शांति व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए मंदिर और आसपास एरिया में सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई है।

नंदलाल यती, एसडीएम गोला

Posted By: Inextlive