Nag Panchmi 2023 : चित्रा नक्षत्र और ब्रह्मïयोग के शुभ संयोग के साथ मनेगी नागपंचमी
गोरखपुर (ब्यूरो)। ऐसे में इस दिन नाग पूजा करना विशेष फलदायी भी होगा। बता दें, आमतौर पर हरियाली अमावस्या के साथ त्योहारों का सिलसिला शुरु जाता है, लेकिन इस बार अधिकमास के एक माह बाद नागपंचमी से त्योहारों की शुरुआत होगी। अब अधिकमास का समापन हो चुका है, ऐसे में 21 अगस्त को नागपंचमी के साथ तीज त्योहारों की शुरुआत हो जाएगी। नागपंचमी के बाद रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, गणेश उत्सव सहित अनेक पर्व आएंगे। यह सिलसिला दिवाली के बाद देवउठनी एकादशी तक जारी रहेगा। इस दौरान पितृपक्ष पखवाड़ा छोड़कर लगातार तीज त्योहारों की रौनक नजर आएगी। नाग पंचमी शुभ मुहूर्त व शुभ योग
नाग पंचमी श्रावण के शुक्ल पक्ष की 21 अगस्त सोमवार मनाई जाएगी। ज्योर्तिविद पं। नरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि नाग पंचमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से माना जाता है। इस दिन सावन सोमवार व्रत भी रखा जाएगा। कुंडली में राहु और केतु की दशा चल रही है उन्हें भी नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। इस उपाय से राहु केतु दोष से मुक्ति मिलेगी। कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है। सावन शुक्ल पंचमी तिथि 21 अगस्त 2023 को रात 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 22 अगस्त 2023 को दोपहर 2 बजे होगा। ऐसे में नाग पंचमी का त्योहार 21 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जाएगा। इस बार नाग पंचमी के दिन 2 शुभ योग बन रहे है। पहला शुभ योग 21 अगस्त को प्रात: काल से रात्रि 9.04 बजे तक रहेगा। उसके पश्चात दूसरा शुक्ल योग प्रारम्भ होगा जो पूरी रात रहेगा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.55 से दोपहर 12.35 बजे तक रहेगा। नाग पंचमी के दिन होगा सावन सोमवार व्रत
16 अगस्त को अधिकमास की समाप्ति होने जा रही है और 17 से सावन मास रहेगा। 21 अगस्त को नागमंचमी के दिन सावन का सोमवार होने के कारण इस दिन का महत्व बढ़ गया है। इस दिन शिव की पूजा के साथसाथ नागदेवता की भी पूजा होगी, जिससे भक्तो के कष्टों का निवारण होगा। इस दिन व्रत रखने का संकल्प लें। और किसी मंदिर या घर पर ही शिवलिंग, नाग देवता और शिव परिवार पर गंगाजल व दूध चढ़ाएं। इसके बाद ओम नम शिवाय मंत्र का जप करते हुए भगवान शिव का जलाभिषेक करें। इसके आलाव शिवलिंग पर सफेद फूल, अक्षत, सफेद चंदन, भांग धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र आदि चढ़ाएं। नागदेवता पर इत्र लगाए। सावन के सोमवार का व्रत कर रहे हैं तो सावन सोमवार की कथा जरुर पढ़ें। अंत में भगवान शिव को प्रसाद जरुर चढ़ाएं।आने वाले दिनों में पर्व - नागपंचमी - 21 अगस्त - रक्षाबंधन - 30 अगस्त - श्रीकृष्ण जन्माष्टमी - 7 सितंबर - हरतालिका उत्सव प्रारंभ - 19 सिंतबर - शारदीय नवरात्र - 15 अक्टूबर - विजयादशमी - 24 अक्टूबर - करवा चौथ - एक नवंबर - दिवाली - 12 नवंबर - देवउठनी एकादशी - 23 नवंबर