- स्मार्ट सिटी जैसे महत्वपूर्ण के हाथ से जाने के बाद भी नहीं सुधरे कर्मचारी

- टैक्स वसूली अमृत योजना में भी बनने लगा बांध

GORAKHPUR: स्मार्ट सिटी स्कीम के सेलेक्शन क्राइटेरिया में पिछड़ने की अहम वजह टैक्स वसूली रही। इसमें फिसड्डी होने की वजह से गोरखपुर स्मार्ट सिटी की दौड़ से बाहर हो गया। बड़ा एचीवमेंट हाथ से निकलने के बाद भी अब तक नगर निगम अब भी नहीं सुधरा है। हालात यह है कि हाउस टैक्स में नगर निगम टारगेट का 20 प्रतिशत ही अचीव कर सका। लाइसेंस शुल्क वसूली में तो शहर हर प्वाइंट पर पिछड़ा हुआ है। 10 करोड़ का टारगेट लाइसेंस शुल्क रूप में वसूला जाना है, जबकि छह माह बीतने के बाद भी निगम महज 1.60 करोड़ रुपए ही वसूल कर पाया है।

अभी तक मात्र 20 प्रतिशत ही हुई है वसूली

नगर निगम पर हाउस टैक्स वसूली का टारगेट 43 करोड़ रुपए है। इसके लिए दर्जनों बार नगर आयुक्त टैक्स कर्मचारियों की मीटिंग कर चुके हैं। इतना ही नहीं 10 से अधिक कर्मचारियों पर कार्रवाई भी हो चुकी है। उसके बाद भी नगर निगम टैक्स वसूली में लगातार पिछड़ता जा रहा है। हालात यह है कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में कुल 43 करोड़ रुपए का टारगेट मिला था, लेकिन छह माह में अभी तक केवल 20 प्रतिशत वसूली हो पाई है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी रबीस चंद का कहना है कि 12 से 15 करोड़ रुपए की वसूली हो पाई है, जबकि छह माह में 28 करोड़ रुपए की वसूली और करनी है।

संस्थान टारगेट वसूली

नर्सिग पर होम पर बकाया टैक्स - 5 करोड़ रुपए निल

शराब की दुकान पर लाइसेंस - 12 लाख रुपए निल

आटो टैंपों पर लाइसेंस - 1 लाख रुपए 10 हजार रुपए

नगर निगम की दुकान - 2.50 करोड़ रुपए 1.50 करोड़

पार्किंग स्थल से - 1 करोड़ रुपए निल

प्लांड स्ट्रैटजी के तहत करें वर्क तो पूरा हो जाएगा टारगेट

रिटायर्ड उप नगर आयुक्त गोपीकृष्ण श्रीवास्तव की मानें तो अगर नगर निगम प्लांड स्ट्रैटजी के तहत वर्क करे, तो उनका टारगेट पूरा हो जाएगा। नगर निगम को दो तरह से टीम बनानी चाहिए। एक टीम हाउस टैक्स वसूले और दूसरी टीम बड़े-बड़े संस्थानों पर टैक्स वसूली करे तो शहर में बड़े संस्थान ऐसे हैं, जहां टैक्स वसूलने पर 10 करोड़ रुपए का टारगेट पूरा हो जाएगा। नगर निगम एरिया में कुल 400 के करीब नर्सिग होम और क्लीनिक हैं, अगर इनसे लाइसेंस शुल्क वसूला जाए, तो करीब 5 करोड़ रुपए टैक्स निर्धारण होगा। अगर इसकी वसूली कर ली जाए तो नगर निगम अपने लक्ष्य के 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।

टैक्स वसूली के लिए कर्मचारियों पर दबाव बनाया गया है। जो बड़े संस्थान है, उनको भी चिन्हित करके प्रशासन से सहयोग लेकर टैक्स वसूली का लक्ष्य बनाया जा रहा है।

रबीस चंद, मुख्यकर निर्धारण अधिकारी

Posted By: Inextlive