भूमि विवाद में प्रॉपर्टी डीलर की हत्या
- झंगहा एरिया के गोबड़ौर चौराहे की घटना
- फायरिंग, मारपीट में दो भाई भी हुए घायल GORAKHPUR: झंगहा एरिया के गोबड़ौर चौराहे पर प्रॉपर्टी डीलर, पूर्व छात्र नेता जय प्रकाश यादव उर्फ जेपी यादव को बदमाशों ने गोली मार दी। गंभीर हाल जेपी को परिजनों ने जिला अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। हमले में जेपी के दो भाई भी घायल हुए हैं। मामले की जानकारी होने पर एसएसपी और एसपी ग्रामीण गांव में पहुंचे। जेपी के परिजनों ने प्रधान योगेंद्र यादव और उनके समर्थकों पर भूमि के विवाद को लेकर हमले का आरोप लगाया। लोगों ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि दोनों पक्षों में चुनाव की रंजिश चल रही थी। भूमि के विवाद ने आग में घी का काम किया। प्रधान का कब्जा, चल रही थी टशनगोबड़ौर चौराहे पर तीन डिस्मिल भूमि है। उस भूमि पर गांव के प्रधान योगेंद्र यादव का कब्जा था। वर्ष 2008 में भूमि को अपने नाम से बैनामा कराने का दावा करते हुए प्रधान ने कब्जा जमा लिया। गगहा एरिया के रियाव, श्रीरामपुर निवासी सुदामा ने विवादित भूमि को तीन माह पूर्व अपने नाम से रजिस्ट्री करा ली। शनिवार को विवादित भूमि पर निर्माण कराने के लिए सुदामा यादव पहुंचा। दूर के रिश्तेदार की मदद के लिए जय प्रकाश उर्फ जेपी, उनके बड़े भाई बीएसएफ के दरोगा ओम प्रकाश यादव और छोटे भाई राजेश भी भूमि पर पहुंचे। लोगों ने निर्माण कार्य शुरू करा दिया। तभी किसी ने इसकी सूचना प्रधान को दे दी।
मारपीट के बाद दागी गोलियां विवादित भूमि पर कब्जा होने की जानकारी मिलते ही प्रधान योगेंद्र यादव कुछ लोगों के साथ पहुंचे। उन्होंने निर्माण कार्य का विरोध शुरू कर दिया। इसके लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया। मारपीट होने पर किसी ने जय प्रकाश को निशाना बनाकर गोली दाग दी। ललाट और दाहिने पैर में गोली लगने से जय प्रकाश गिरकर तड़पने लगे। मारपीट में बीएसएफ दरोगा ओम प्रकाश यादव और राजेश यादव भी घायल हो गए। फायरिंग करने वालों के साथ ही भूमि पर निर्माण करा रहा सुदामा भी फरार हो गया। आनन फानन में परिजनों ने जेपी को ब्रह्मपुर पीएचसी पर पहुंचाया। हालत गंभीर बताकर डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। अस्पताल पहुंचने के पहले तोड़ा दमगंभीर हाल जेपी को लेकर परिजन जिला अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने उनके दोनों भाइयों की हालत खतरे से बाहर बताई। मामले की जानकारी पाकर पुलिस पहुंची। परिजनों ने बताया कि योगेंद्र यादव के खिलाफ जय प्रकाश ने प्रधान चुनाव लड़ा था। 12 वोट से जय प्रकाश चुनाव हार गए। लेकिन दोनों परिवारों के बीच दुश्मनी बढ़ती चली गई। योगेंद्र के खिलाफ सुदामा के पक्ष में जय प्रकाश का परिवार खड़ा हो गया था। तीन भाइयों में दूसरे नंबर के जय प्रकाश की प्रॉपर्टी डीलिंग के कारोबार में अच्छी पकड़ थी। दो बेटों और एक बेटी के पिता जय प्रकाश पूरे इलाके में चर्चित थे।
तमाशा देखती रही पुलिस आरोप है कि विवाद की सूचना पाकर पुलिस पहुंच गई थी। जेपी के चचेरे भाई अरविंद ने अधिकारियों को बताया कि कुछ पुलिस वाले आ गए थे। लेकिन उन लोगों ने किसी को रोकने की कोशिश नहीं की। गोली चलाने वाले हमलावरों को भागने का पूरा मौका दिया। अधिकारियों ने मामले की जांच का निर्देश दिया। भाई के आने पर गए गांवचौरीचौरा के महाजन डिग्री कालेज से वर्ष 1995-96 में छात्रसंघ अध्यक्ष बने जेपी यादव ने पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रॉपर्टी डीलिंग शुरू कर दी। खोराबार थाना क्षेत्र में उनका कारोबार फैला हुआ था। बीएसएफ में तैनात भाई के छुट्टी पर आने की वजह से वह शनिवार को गांव पहुंचे थे। गांव के लोगों ने पुलिस को बताया कि वर्ष 1998 में भी जय प्रकाश पर बम से हमला हुआ था। तब डॉक्टरों ने किसी तरह से उनकी जान बचा ली थी। इस मामले में भी योगेंद्र यादव के परिजनों पर आरोप लगा था। इसके बाद से वह किसी खास वजह से ही गांव आते-जाते थे। उधर मामले की जांच करने पहुंचे पुलिस अधिकारियों को कुछ लोगों ने बताया कि फायरिंग दोनों तरफ से हुई है। योगेंद्र यादव पक्ष के हेमंत को भी गोली लगी। लेकिन उसके उपचार कराने का कोई प्रमाण नहीं मिल सका। हमले में जय प्रकाश की मौत होने की सूचना पर नात-रिश्तेदार जिला अस्पताल पहुंच गए। उनके शुभचिंतकों का ताता लगा रहा।