मानसून की दस्तक कभी भी हो सकती है. ऐसे में गोरखपुराइट्स जलभराव को लेकर एक बार सशंकित हैं. कई इलाके तो ऐसे हैं जहां एनडीआरएफ और एसडीआरएफ तक को राहत कार्य में लगना पड़ता है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।इन इलाकों में लंबे समय तक बारिश का पानी भरा रहता है। कुछ इलाकों में बारिश होने पर जलभराव की मार कई दिनों तक झेलनी होती है। हर साल नगर निगम जलभराव न होने का दावा करता है लेकिन सब कोरा ही साबित होता है। इधर, लोगों का कहना है कि नगर निगम हर तरह का कर लोगों से खूब वसूल कर रहा है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं देता। करीब 1.50 लाख आबादी पर फिर संकट नगर निगम एरिया की 1.50 लाख आबादी एक बार फिर जलभराव की चिंता में है। इसमें गोरखनाथ मंदिर के पीछे का इलाका, राप्तीनगर, रसूलपुर, इलाहीबाग, बेतियाहाता, लालडिग्गी, नौसढ़ समेत कई निचले इलाकों के लोग शामिल है। हालांकि नगर निगम का कहना है कि पूरे नगर निगम एरिया में अस्थायी पंपसेट लगाए गए हैं, जिससे अगर जलभराव हुआ तो तत्काल राहत दिलाई जाएगी।


साहबगंज और महेवा मंडी में होता जलभराव

विगत सालों पर नजर डालें तो साहबगंज और महेवा मंडी में बारिश से जलभराव हुआ था। हर साल नगर निगम ने यहां जलभराव न होने का दावा किया है, लेकिन उसे रोक पाने में सफलता नहीं मिली है। इस साल भी व्यापारी चिंतित हैं। महेवा मंडी के व्यापारियों के अनुसार पिछले साल बारिश का पानी दुकानों में घुस गया था, इससे लाखों का नुकसान हुआ था। साहबगंज में कुछ ऐसा ही था। कई व्यापारियों के दुकान में पानी घुसने से नुकसान हुआ था। जीडीए की कॉलोनियां में भी मुसीबत पिछले साल बरसात में जीडीए और उससे सटी कालोनियों में काफी जलभराव हुआ था। लोगों के हंगामे के बीच में पंप लगाकर पानी निकाला गया था। तारामंडल एरिया में बरसात के पानी से नाले ओवरफ्लो हो गए थे। सर्विस रोड पर पानी भर गया था। बुद्ध विहार पार्ट ए, सिद्धार्थनगर सहित कई मोहल्ले के लोगों ने मुसीबत झेली थी।जब पार्षद ने जलभराव की उतारी आरती पिछले साल बरसात में पॉश एरिया बेतियाहाता में काफी जलभराव हुआ था। सपा पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने जलभराव की आरती उतारकर विरोध जताया था। उस दौरान नगर निगम ने जलभराव न होने का दावा किया था। हालत बेकाबू होने पर उतरती है प्रशासनिक टीम

बारिश से शहर जलभराव तक ही सीमित नहीं है। यहां कुछ एरिया ऐसे हैं, जहां बोट भी चलती है। ये एरिया नदी से सटे हुए हैं। इनमें कुछ नगर निगम एरिया तो कुछ ग्रामीण क्षेत्र शामिल है। राप्ती से सटे इलाकों में बारिश में उफनाती नदी का पानी घुस जाता है। यहां एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ प्रशासन के लोग मुस्तैद रहते हैं। लगाए गए अस्थाई पंप नगर निगम ने 90 जगहों पर अस्थायी पंप लगाकर जलभराव को दूर करने की तैयारी का दावा किया है। महेवा मुक्तेश्वरनाथ, चरगांवा सेंट्रल बैंक के पास, राप्तीनगर के कई इलाकों, नौसड़ चौराहे पर, शक्तिनगर द्वारिकापुरम, बडग़ों, खोराबार, रामअवध नगर, हनुमान मंदिर, गोपलापुर, दाउदपुर, मोतीपोखरा आदि में अस्थायी पंप लगाए गए हैं। सभी पंपों की निगरानी और जिम्मेदारी भी तय की गई है।नगर निगम जलभराव की समस्या से निजात के लिए जुटा हुआ है। तीसरे चरण में नाला सफाई चल रही है। इसके साथ ही अस्थायी पंप भी लगाए गए हैं। अफसरों की जिम्मेदारी भी तय की गई है।गौरव सिंह सोगरवाल, नगर आयुक्त

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