मोहर्रम के जुलूस में दिखी देश-दुनिया की झलक
- मोहल्लों के जुलूस में एक से बढ़कर एक रौशन चौकियां रही सेंटर ऑफ अट्रैक्शन
- मियां साहब इस्टेट से निकाला गया 10वीं मोहर्रम का रवायती जुलूस - जगह-जगह मियां साहब का हुआ खैरमकदम GORAKHPUR: मोहर्रम की दसवीं के मौके पर शहर में मियां साहब अदनान फर्रूख अली शाह की अगुवाई में जुलूस निकाला गया। इसमें शामिल रौशन चौकियों में देश और दुनिया की झलक देखने को मिली। अलग-अलग मोहल्लों में बनी इन रौशन चौकियों में दुनिया में मौजूद एक से बढ़कर एक मस्जिद के मॉडल बनाए गए, जिन्हें जुलूस देखने आए लोगों ने खूब पसंद किया। इस दौरान वहां मौजूद सभी लोग इन रौशन चौकियों को अपने मोबाइल में कैद करते नजर आए। जुलूस में शामिल अलम, सद्दे और ढोल-ताशे भी लोगों को अपनी ओर खींचने में कामयाब रहे। शाही जुलूस देखने उमड़ा सैलाबदसवीं मोहर्रम के मौके पर निकला इमामबाड़ा इस्टेट का शाही जुलूस देखने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। जिन रास्तों से मियां साहब को गुजरना था, वहां भोर से ही लोगों ने डेरा जमा रखा था। जुलूस इमामबाड़ा इस्टेट के पश्चिमी फाटक से कतारबद्ध तरीके से कमाल शहीद की मजार पर पहुंचा, मियां साहब ने अपने सहयोगियों के साथ फातिहा पढ़ी। इसके बाद जुलूस अपने निर्धारित मार्ग की ओर चल दिया। जैसे ही शाही जुलूस आगे बढ़ा, मियां साहब की एक झलक पाने के लिए लोग उमड़ पड़े और मोबाइल में उन्हें कैद करने के लिए उतावले नजर आए।
जगह-जगह हुआ स्वागत मियां साहब के जुलूस को स्वागत करने के लिए जगह-जगह मंच बनाए गए थे। इन जगहों पर गुलपोशी कर मियां साहब का इस्तकबाल किया गया। कर्बला के पास शन्नू ने मियां साहब और उनके साहबजादों को फूल-मालाओं से लाद दिया। शाही जुलूस इमामबाड़ा से शुरू होकर बक्शीपुर, थवई का पुल, अलीनगर, बेनीगंज, जाफरा बाजार, घासीकटरा, साहबगंज, खूनीपुर, नखासचौक, कोतवाली होता हुआ वापस इमामबाड़ा पहुंचकर खत्म हुआ। इमामबाड़ा पहुंचकर मियां साहब ने जुलूस के खत्म होने की घोषणा की।