सांसद पर फर्जी प्रमाण पत्र लगाने का आरोप
- मछली शहर सांसद के पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने का लगा आरोप
- निषाद आंदोलन की पैरवी करने आए थे सांसदGORAKHPUR: निषाद आंदोलन के समर्थन में गोरखपुर आए मछली शहर सुरक्षित सीट के सांसद राम चरित्र निषाद आरोपों में घिर गए हैं। भाजपा सांसद पर फर्जी अनुसूचित जाति कासर्टिफिकेट बनवाने का आरोप लगा है। संतकबीर नगर जिले के बेलबनवा निवासी विनोद प्रताप सिंह ने सांसद के फर्जी सर्टिफिकेट सूचना के अधिकार से निकालकर उजागर किया हैं। ट्यूज्डे को पत्रकारवार्ता करके विनोद ने केंद्र सरकार से मामले की जांच कराने मांग की। साथ ही उन्होंने इसकी शिकायत पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर की है। उधर सांसद ने कहा कि दिल्ली में बने जाति प्रमाण पत्र के आधार पर वह संसद सदस्य बने हैं। 25 साल से फैमिली के साथ दिल्ली में रहने से उनको सर्टिफिकेट मिला है। दिल्ली में उनकी बिरादरी को अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त है।
कहीं फर्जी तो नहीं सांसदराम चरित्र निषाद मछली शहर से आरक्षित सीट पर जीतकर 2014 में सांसद बने। उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनी जाति अनुसूचित जाति होना बताई है। इसके प्रमाण के लिए उन्होंने दिल्ली के तहसील सीलमपुर से जारी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र लगाया है। यह प्रमाण पत्र 20 दिसंबर 2007 को जारी किया गया है। सूचना के अधिकार के तहत जब यह प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया तो कई राज खुले। राम चरित्र मूलत: बस्ती जिले के कटराबुजुर्ग के रहने वाले है। उत्तर प्रदेश निषाद (मल्लाह) जाति को पिछड़ा वर्ग में रखा गया है। इसकी पुष्टि लखनऊ स्थित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति, शोध एवं प्रक्षिशण संस्थान ने भी की है। इन दस्तावेजों में यह बात साफ है कि राम चरित्र निषाद अनुसूचित जाति के नहीं पिछड़ा वर्ग जाति के हैं।
विधानसभा में जाति नहीं थी अनुसूचितराम चरित्र निषाद ने वर्ष 2007 में मेंहदावल विधान सभा क्षेत्र से विधायकी का भी चुनाव लड़ा था। जब विधानसभा चुनाव में जमा किए गए दस्तावेज खंगाले तो एक और मामला सामने आया। 2007 में मेंहदावल विधानसभा सीट सामान्य थी। सामान्य सीट होने पर भी अगर कोई कैडिंडेट अनुसूचित जाति का होता है तो वह अपना प्रमाण पत्र उल्लेखित करता है। साथ ही बयान हलफी के भाग-3 में यह दर्शाना होता है कि जाति अनुसूचित है। रामचरित्र ने अपने बयान हलफी के फार्म में अनुसूचित जाति पर क्रास का चिन्ह लगाया है। जिससे साफ जाहिर है कि वे इस फार्म में उन्होंने अपनी जाति अनुसूचित नहीं बताई है।
मैं अनुसूचित जाति का हूं-
- आप किस जाति के हैं? मैं अनुसूचित जाति का हूं। - आप पर आरोप है कि आपने सांसद के चुनाव में फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाया है? लोकसभा चुनाव पूरे देश में कहीं से लड़ा जा सकता है। इस वजह से दिल्ली से जारी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र का यूज कर मैंने मछली शहर से चुनाव लड़ा। इस मामले को चार माह पूर्व हाईकोर्ट ने खारिज भी कर दिया है। इसके बाद विरोधी गुट के लोग बेवजह बदनाम करने के लिए तरह- तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। - आखिर आप पर गंभीर आरोप क्यों लगाया जा रहा है? मैंने विनोद प्रताप के विरोधियों के घर रहकर मेंहदावल विधान सभा चुनाव लड़ा था। इस वजह से वह मेरा विरोध कर रहे हैं। झूठे, मनगढं़त आरोप लगाकर मुझे बदनाम कर रहे हैं। - आपने विधानसभा चुनाव में अपना प्रमाण पत्र क्यों नहीं लगाया था? 2007 में मेंहदावल सामान्य सीट थी। इसलिए मैंने जाति प्रमाण नहीं लगाया था।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सांसद धोखा दे रहे हैं। फर्जी सर्टिफिकेट जारी कराकर राम चरित्र निषाद सुरक्षित सीट से सांसद बने। उनके फर्जीवाड़े की जांच कराकर लोकसभा की सदस्यता रदद की जानी चाहिए।
विनोद प्रताप, शिकायतकर्ता