बिजली के लिए गांवों में आंदोलन
- पिछले एक सप्ताह में तीन तहसीलों पर ग्रामीणों ने किया आंदोलन
- खजनी, बांसगांव के बाद अब झगहां के नागरिक आंदोलन के मूड में - गांवों में 5से 6 घंटे बिजली सप्लाई से धान की खेती प्रभावित GORAKHPUR:बारिश न होने और बिजली न मिलने के कारण जिले के किसानों के माथे पर पसीना आने लगा है। धान के बीज तैयार हैं, लेकिन खेतों में पानी न होने से किसानों को कोई विकल्प नहीं सूझ रहा है। ऐसे में उनके सामने पानी के लिए बिजली का सहारा ही है। वहीं कुल 5 से 6 घंटे तक मात्र बिजली मिलने के कारण धान की खेती सुखने लगी है। वहीं बिजली विभाग के रवैए से दुखी जिले के किसानों बिजली विभाग के खिलाफ आंदोलन का रूख करने लगे हैं। अभी तक दो तहसीलों में लोग आंदोलन कर चुके हैं, जबकि एक जगह ट्यूज्डे को बड़ा आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं।
तहसील दिवस पर कर रहे तहसील का घेरावबिजली की मांग को लेकर पब्लिक अब बिजली विभाग के अफसरों को घेराबंदी करने की जगह जिले के अफसरों को घेरने लगी है। 7 जुलाई को जिले के सभी तहसीलों पर तहसील दिवस मनाया जा रहा था। वहीं बांसगांव और खजनी एरिया के लोग बिजली कटौती के मुद्दे को लेकर अफसरों के पास पहुंच गए। ग्रामीणों का आरोप था कि पिछले एक माह से दिन में दो शिफ्ट में 5 से 6 घंटे तक बिजली मिल रही है। गर्मी के मौसम में तो हम लोगों ने कुछ नहीं कहा, लेकिन अब धान की रोपाई का समय आ गया। ऐसे में बारिश न होने और बिजली न होने के कारण खेतों में पानी नहीं चल पा रहा है। अगर बिजली व्यवस्था में जल्द सुधार नहीं हुआ तो धान की रोपाई बहुत विलंब हो जाएगा। वहीं झंगहा एरिया में मात्र तीन से चार घंटे तक बिजली मिलने से गुस्साए लोगों ने फ्राइडे को एसडीएम चौरीचौरा को ज्ञापन सौंपकर ट्यूज्डे को बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी।