मदरिया में मातम
-मध्यप्रदेश के शिवपुरी में हादसे में एक ही परिवार में चार मौतों के बाद रविवार को आए शव
-परिवार के लोगों ने आंखों में कैद कर रखे हैं आंसू, कहीं बच्चे हादसे से मर्माहत न हो जाएं BADHALGANJ: मदरिया गांव में रविवार को पूरे दिन मातम छाया रहा। शनिवार को जब से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत की खबर मिली है, इस घर में चूल्हा नहीं जला। वहीं गांव के दूसरे लोग भी गमगीन हैं। इतने बड़े हादसे के बाद भी घर और गांव के बड़ों ने अपने आंसू आंखों में ही छुपा रखे हैं, ताकि बच्चों को परिजनों की मौत की जानकारी न हो। चुपके से घर के सदस्य शव लाने चले गए। लगा है रिश्तेदारों का जमावड़ामदरिया निवासी विनोद के घर पर रिश्तेदारों का जमावड़ा लगा है। बड़े-बुजुर्गो को हादसे की जानकारी हो गई है। लेकिन, सभी घर से दूर-दूर अपना दर्द बांट रहे हैं। घर के बच्चों को पता तक नहीं कि उनके ऊपर से माता-पिता का साया उठ चुका है। उन्हें उनके गंभीर रूप से घायल होने की सूचना ही दी गई है। शव लाने के लिए विनोद के चचेरे भाई मणीन्द्र सिंह और पट्टीदार मनुरोजन सिंह गए हुए हैं।
मौत ने कैंसल कराया रिजर्वेशनविनोद सिंह के परिवार के साथ हुए हादसे पर गांव में हर कोई अवाक है। सभी यही चर्चा कर रहे हैं कि वे तो ईश्वर से मुराद मांगने गए थे, मगर यह क्या हो गया? हर कोई इसे होनी बता रहा है। न तो विनोद के एक रिश्तेदार की लू लगने से मौत होती और न ही वे लोग ट्रैवलर से घर के लिए लौटते और न यह हादसा होता। उन्हें तो 25 मई को ट्रेन से घर लौटना था। सभी का रिजर्वेशन था लेकिन लू से एक रिश्तेदार की मौत के बाद रिजर्वेशन कैंसिल कराकर सभी ट्रैवलर बुक कर घर चल दिए और यह हादसा हो गया।
रिश्तेदार के घर भी मातम मरने वालों में मदरिया के विनोद, उनकी मां द्रौपदी, चाचा ओमप्रकाश सिंह, चाची सत्यवती, बहनोई कृष्णमोहन सिंह, बहन निर्मला सिंह, बेटा सोनू सिंह व चालक रविन्द्र शामिल हैं। भांजे ऋषि के पहले ही मौत हो गई थी। ऋषि की पत्नी नीतू, बेटी पलक और रिश्तेदार अजय का इलाज चल रहा है। कुशीनगर स्थित रिश्तेदार के घर में भी मातम पसरा हुआ है।