मानसून ने दस्तक दे दी है. शहर में जहां जलजमाव के मामले सामने आने लगे हैं. वहीं शहर से सटे बंधे और गांव भी प्रभावित होने लगे हैैं. पिछली बारिश की बात करें तो आकाशीय बिजली से मौत झुलसने और सर्पदंश के सर्वाधिक मामले हुए.


गोरखपुर (ब्यूरो)।आकाशीय बिजली, सांप काटने समेत अन्य आपदाओं की चपेट में आने वाले मृतक व्यक्ति आश्रितों को चार लाख रुपए तक की सहायता राशि दी गई। वहीं इस बार पहले से ही जिला आपदा प्राधिकरण की टीम एक्टिव हो चुकी है, ताकि लोग आपदाओं की चपेट में न आ सकें। इसके लिए जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने एडीएम एफआर के निर्देश पर मास्टर प्लान तैयार कर काम भी शुरू कर दिया है। पिछले साल 8 पर गिरी आकाशीय बिजली


बता दें, गोरखपुर जिले में हुए विभिन्न आपदाओं से हुई जनहानि के मामलों में 2022-23 में आकाशीय बिजली से 8 लोगों की मौत हुई। जबकि 2021-22 में 5 लोगों ने जान गवाईं। वहीं, सांप काटने से 5 लोगों की पिछले साल मौत हो गई। 2021-22 में 19 लोगों को बाढ़ के दौरान सांप ने डंस लिया था। इन सभी के आश्रितों को चार लाख रुपए की सहायता राशि दी गई थी। यह सहायता राशि फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में हुई आपदाओं की चपेट में आए लोगों को दी गई। फैक्ट एंड फीगरकैसे हुई मौत ------------- 2022-23 ------- 2021-22 आकाशीय बिजली गिरने से मौत - 8 ---------- 5सांप काटने से हुई मौत ------ 5 ---------- 19अग्निकांड से मौत --------- 1 ---------- 1

डूबने से मौत ------------ 47 --------- 58 अतिवृष्टि की चपेट में आने से मौत --- 1 ----- 4 वन्यजीव से मौत ------------ 3 ------- 4 कुल ------------------ 65 -------- 87 इन नंबर्स से मिलेगी हेल्प 0551- 2201776, 9454416252, 9555786115प्रवाहित होने वाली नदियां नदी - लंबाई - आच्छादित तहसील राप्ती - 134 - कैंपियरगंज, सदर, सहजनवां, बांसगांव, चौरीचौरा व गोलाघाघरा - 77 - खजनी एवं गोला कुआनों - 23 - खजनी रोहिन - 30 - कैंपियरगंज एवं सदर आमी - 77 - सहजनवां, बांसगांव, सदर एवं खजनी गोर्रा - 17 - सदर एवं चौरीचौरा तहसील नाम - बाढ़ चौकी सदर - 14कैंपियरगंज - 15चौरीचौरा - 4सहजनवां - 10 बांसगांव - 19 खजनी - 11 गोला - 13 कुल - 86 कुल तहसील - 9छोटी नाव - 59 मझौली नाव - 268 बड़ी नाव - 70 कुल नाव - 397 आपदा से निपटने के लिए तैयारियां पूरी हैैं, लेकिन सांप काटने और बाढ़ की चपेट में आने वाले मृतकों के आश्रितों को चार लाख रुपए सहायता राशि दी जाती है। लोग सुरक्षित रहें। इसके लिए बाढ़ चौकियां और एनडीआरएफ की टीम मुस्तैद है। गौतम गुप्ता, जिला आपदा विशेषज्ञ

Posted By: Inextlive