मोहल्ले में हारे तो बदनामी होगी
-प्रत्याशियों ने अपने गांव को दी तव्वजो, रही उम्मीद
- माहौल जानने के बजाय खुद को वोट की अपील GORAKHPUR: पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के मतदान में प्रत्याशी अपने-अपने इलाकों में सिमटे नजर आए। जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवारों ने अपने गांव के लोगों पर ज्यादा भरोसा जताया। प्रत्याशियों को इस बात कर डर सताता रहा कि मोहल्ले में हारे तो बदनामी होगी। हारने पर दूसरे उड़ाएंगे मजाक जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशियों ने पूरे वार्ड के बजाय अपने गांव पर जोर दिया। इस जुगत में लगे रहे कि उनको अपने गांव-मोहल्ले से सबसे अधिक वोट मिल जाए। लोगों ने अपने कार्यकर्ताओं को इसके लिए पहले से तैयार कर दिया था। सबके मन में डर था कि दूसरी जगहों पर कम वोट मिलने पर कम बदनामी होगी, लेकिन अपने गांव में हार गए तो मजाक उड़ेगा।घर से उठा लाए वोट डालने
प्रत्याशियों ने एक-एक वोट सहेजने की कोशिश की। चलने-फिरने में लाचार बुजुर्ग और बीमार लोगों को बूथ पर पहुंचाया गया, ताकि उनका वोट पड़ सके। जंगल कौडि़या ब्लॉक के तिघरा गांव की 80 साल की बुजुर्ग परमा देवी वोट डालने पहुंचीं। उनको नाती-पोते बाइक पर बैठाकर बूथ तक पहुंचे। परमा देवी ने बताया कि प्रत्याशी लोग पीछे पड़े थे। बूढ़ी आंखों से चुनाव चिन्ह पहचानना मुश्किल हो गया है, बावजूद इसके वोट डालने के लिए उठा लाए।