हमारी संस्कृति हमें मजबूत बनाती है: भागवत
-विविधता में एकता की संस्कृति ही वास्तव में मानवता है
-राजनीतिक स्वतंत्रता तो मिल गई, पर मानसिक गुलामी अभी कायम GORAKHPUR: देश का विकास तभी संभव है, जब हम धर्म-संस्कृति की रक्षा होगी। हमारी संस्कृति जितनी मजबूत होगी हम उतने ही मजबूत रूप से विश्व में उपस्थित रहेंगे। भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार जैसे संत-महापुरुषों से आज समाज के हर लोग को प्रेरणा लेने की जरूरत है। यह बातें रविवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने कही। वह भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार की 125वीं जयंती पर गीता वाटिका में आयोजित 'युग द्रष्टा महामानव भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार' विषयक संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करने के लिए गोरखपुर आए थे।उन्होंने कहा कि मैंने भाईजी को देखा नहीं, लेकिन गीता प्रेस व कल्याण द्वारा पहुंचाई गई सनातन संस्कृति प्रवाह की विरासत उनके बारे में सबकुछ कह देती है। विशिष्ठ अतिथि गीता प्रेस के संपादक राधेश्याम खेमका ने भाईजी से संबंधित संस्मरण सुनाते हुए गो-हत्या बंद करने की बात उठाई। विषय प्रवर्तन प्रो। हनुमान प्रसाद दीक्षित, महानिदेशक स्कूल आफ गुड गवर्नेस एंड पालिसी एनालिसिस ने किया।
सर्जिकल स्ट्राइल सही थादेश का हर लोग जहां सेना के सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर उत्साहित है। वहीं भागवत ने भी सरकार और सेना के इस करतूत का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सीमा पार से हो रही घुसपैठ और पाकिस्तान में घुसकर भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक सही है, लेकिन जिस पर तरह से सुरक्षा बढ़ाई जा रही, इसका मतलब कि हम सुरक्षित नहीं हैं। यह संकल्प भी हमारा है कि हमसे टकराओगे तो चूर-चूर हो जाओगे, लेकिन ऐसा बनने का रास्ता धर्म है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में जिस तरह से विविधता में एकता है यह आज विश्व के लिए सीख दे रही है।
मानसिक गुलामी कायम है भागवत ने कहा कि हमने राजनीति स्वतंत्रता तो हमने प्राप्त कर ली, लेकिन मानसिक गुलामी आज भी लोगों के अंदर है। जिस दिन हम मानसिक गुलामी से मुक्त होंगे, तभी धर्म व संस्कृति का संरक्षण हो सकेगा। राजनीति की स्वतंत्रता ने हमें एक सरकार दे दिया। हमारे यहां राजनेता भी शासक नहीं सेवक हैं। जो जागरूक समाज है, उनसे कार्य भी ले लेता है। इसलिए समाज को जागरूक करने की जरूरत है। बोलने का काम मनमोहन वैद्य का हैगोरक्षप्रांत के कार्यालय माधवधाम से गोरखनाथ मंदिर दर्शन करने आए मोहन भागवत ने पत्रकारों के सवालों पर पहले मुस्कराए और बिना बोले आगे बढ़ गए, लेकिन जब फिर से पत्रकारों ने पूछा तो कहा कि पत्रकारों से बोलने की जिम्मेदारी मनमोहन वैद्य (अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख) का है। मैं केवल मंच से बोलूंगा। इस दौरान वह मंदिर में कुल बीस मिनट रहे और गोरक्षपीठाधीश्वर व सदर सांसद योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और चर्चा की। इस दौरान वह मंदिर के मठ निवास के कई हिस्सों में भी गए।