संघ के विस्तार से होगा देश का विस्तार
- निरंतर कार्य करने से देश, समाज और खुद का होगा विकास
GORAKHPUR : कार्य करने से खुद का विकास होता है। निरंतर कार्य करने से ही देश, समाज और खुद का विकास संभव है। इसलिए सबके लिए सबको एक साथ मिलकर मेहनत करने की जरूरत है। यह नसीहत रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक प्रमुख मोहन राव भागवत ने स्वयंसेवकों को दी। वह एमपी इंटर कालेज में स्वयंसेवकों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिन्दू संगठित नहीं होगा, तो देश मजबूत नहीं होगा। बातों से संघ नहीं चलतामोहन भागवत ने कहा कि हमसे लोग पूछते हैं कि संघ आखिर चलता कैसे है। मैं गर्व से कहता हूं कि संघ बातों से नहीं, कार्य से चलता है, संघ में सामान्य स्वयंसेवक संघ सबसे बड़ा होता है। अगर दुनिया की नजरों से हम अपने काम को देखेंगे तो नहीं कर पाएंगे। काम का चिंतन और मनन कीजिये और उसे सम्पन्न कीजिये। धर्म समाज को जोड़ता है। जो भगवान करना चाहते हैं, उसका साधन बनकर हम उस काम को करेंगे, तभी कार्य संपन्न होगा। अकेले कोई काम नहीं हो सकता है, दोस्ती करना होता है, तभी कोई काम संभव हो सकता है। कदम से कदम मिलाकर चलने से कार्य सम्पन्न होते हैं। स्वयंसेवक मिलकर कार्य करते हैं। समाज अपने अनुकूल व्यवस्था को मोड़ लेता है। समाज जिन्हें अपना मानता है, उसके पीछे चलता है, इसलिए अपने आचरण को अच्छा बनाने और एक दूसरे के सुख-दुख में खड़ा होना चाहिए। वातावरण बनेगा तो समाज बदलेगा। संघ की शाखाएं गांव-गांव में जा रही हैं यह कार्य संघ को बड़ा करने के लिए लिए नहीं, बल्कि देश को बड़ा बनाने के लिए हो रहा है। आचरण सही होगा तो भारत विश्व में सबसे मजबूत बनेगा और विश्व में शांति आएगी। यही संघ का मुख्य उद्देश्य है।