..और तबाह होने से बच गया एयरपोर्ट!
- मॉक ड्रिल में फेल हुई सिक्योरिटी व्यवस्था
- बम डिस्पोजल स्क्वॉयड भी दिखा लापरवाह, सिर्फ कोरम किया गया पूराGORAKHPUR: सिविल एयरपोर्ट स्टेशन पर बम की सूचना मिलने से हड़कंप मच गया। बुधवार करीब 12 बजे एयरपोर्ट सिक्योरिटी ऑफिसर को किसी ने फोन कर यह सूचना दी कि एयरपोर्ट बिल्डिंग में बम है। सूचना मिलते ही जिला पुलिस और अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे। एसपी सिटी हेमंत कुटियाल सबसे पहले मौके पर पहुंच गए। इसके बाद एक-एक कर एडीएम सिटी बीएन सिंह, डिप्टी एसपी एलआईयू, एसओ कैंट, एसओ खोराबार सहित डॉग स्क्वॉयड, फोरेंसिक टीम, बम डिस्पोजल टीम, फॉयर ब्रिगेड और एंबुलेंस की गाडि़यां मौके पर पहुंच गई। एसपी सिटी ने तत्काल पुलिस टीम को तीन हिस्सों में बांट दिया। इसके बाद एक तरफ डॉग स्क्वायड की टीम बम खेजने में लग गई और दूसरी तरफ दोनों थाना क्षेत्रों के एसओ इस रूट पर ट्रैफिक को एयरपोर्ट से पहले ही रोक दिया।
बम मिलते ही मच गया हड़कंपकुछ देर बाद एयरपोर्ट परिसर के टर्मिनल बिल्डिंग में रखे डस्टबिन से डॉग स्क्वॉयड की टीम ने जिंदा बम खोज निकाला। बम मिलते ही बस डिस्पोजल टीम ने एयरपोर्ट परिसर को खाली कराया और बम डिफ्यूज करने में लग गई। टीम ने बम के एक्सरे के दौरान पाया कि बम में टाइमर ही नहीं लगा है और बम आईईडी श्रेणी का है। इससे वह ब्लास्ट नहीं हुआ। इसके बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
बम थ्रेट मॉक ड्रिल का हुआ रिहर्सल यह किसी आतंकवादी संगठन की ओर से रखा गया बम नहीं था, बल्कि एयरपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से किया गया बम थ्रेट मॉक ड्रिल रिहर्सल था। जोकि नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो नई दिल्ली के निर्देश पर विमान पत्तन प्राधिकरण सिविल एयरपोर्ट पर कराया गया। इस दौरान इंडियन एयरपोर्ट अथॉरिटी के डायरेक्टर बीएस मीना, चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर विजय कुमार, एजीएस एयरपोर्ट एसके द्विवेदी, रोशन सिंह, प्रमोद कुमार आदि लोग के नेतृत्व में इस रिहर्सल का आयोजन किया गया। झलकियां--- थानेदारों को नहीं पता था एयरपोर्ट का गेट इस दौरान सिटी की ओर से आ रही पुलिस की गाडि़यों को एयरपोर्ट का गेट तक नहीं पता था। फायर ब्रिगेड से लेकर एसओ कैंट और एसओ खोराबार तक की गाडि़यां एयरपोर्ट गेट से आगे निकल गई। गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के बताने पर गाडि़यों वापस लौटकर आई। फंस गई फॉयर ब्रिगेड की गाड़ीफायर ब्रिगेड की एयरपोर्ट के अंदर चली तो गई, लेकिन इसे बैक करने में करीब 15 मिनट का समय लगा। इस बीच यहां से गुजरने वाली पब्लिक के तो होश उड़े हुए थे, लेकिन डयूटी में तैनात पुलिस कर्मियों के चेहरे की हंसी नहीं रुक रही थी।
बिना हैंड ग्लव्स बम डिस्पोज ऐसे तो यह शुक्र है कि यह मॉक ड्रिल रही। कहीं अगर सच में यहां बम होता तो सबसे पहले इसकी चपेट में कोई और नहीं बल्कि बम डिस्पोजल टीम के मेंबर्स ही आए होते। वह इसलिए कि बम खोजने के दौरान इस टीम ने तो फायर सूट तो पहन रखे थे, लेकिन हैंड ग्लव्स नहीं लगा रखा था। गौरतलब है कि इस तरह के आयोजन इसीलिए आयोजित किए जाते हैं ताकि यह देखा जा सके कि आपात स्थिति में पुलिस और सिक्योरिटी कितनी मुस्तैद है, लेकिन यहां हकीकत इसके इतर रही। घटनाक्रम - 12 बजे मिली बम की सूचना - 12.20 बजे पहुंच गए एसपी सिटी - 12.33 बजे पहुंची फायर ब्रिगेड - 12.50 बजे एंबुलेंस और एसओ कैंट पहुंचे - 12.55 बजे एसओ खोराबार पहुंचे - 1 बजे डॉग स्क्वॉयड और बम स्क्वॉयड की टीम पहुंची। - 1.10 बजे बम खोज लिया गया। - 1.22 बजे बम की स्कैनिंग हो गई।