- महादेव झारखंडी मंदिर में लावारिस हाल मिला बच्चा

- बरामदगी के बाद भी नहीं सुलझ सका चोरी का मामला

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : गोरखनाथ मंदिर से चोरी मासूम लावारिस हाल मिला। थर्सडे मार्निग महादेव झारखंडी मंदिर में उसको तौलिया में लपेटकर कोई छोड़ गया। बोर्ड एग्जाम के पहले भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचे दो छात्रों ने पुजारी को सूचना दी। सिविल ड्रेस में बच्चा बरामद करने पहुंची पुलिस से पुजारी की कहासुनी भी हुई। मां के पहचानने पर पुजारी ने बच्चे को पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन बच्चा चोरी की कहानी सुलझ नहीं पाई।

ठंड से कांप रहा था मासूम

देवरिया के मदनपुर का फरमान विदेश में रहकर कमाता है। उसकी पत्‍‌नी नजमा उर्फ नाज संडे को गोरखपुर आई। छह माह के बेटे समीर उर्फ अनस को साथ लेकर आई। दवा कराने के बाद गोरखनाथ एरिया के हुमायूंपुर निवासी अपने मौसा इस्तखार के घर चली गई। वेंस्डे को उसको लौटकर घर जाना था। ट्यूज्डे को वह अपनी मौसी फिरदौस के साथ गोरखनाथ मेले में चली गई। घूमने के चक्कर में उसकी मौसी ने किसी महिला को बच्चा थमा दिया। बच्चा लेकर अंजान महिला लापता हो गई। तभी से पुलिस मासूम की तलाश में जुटी थी। थर्सडे मार्निग महादेव झारखंडी मंदिर में तौलिया में लिपटा बच्चा मिला। बोर्ड एग्जाम देने जा रहे दो स्टूडेंट्स मंदिर गए। उन लोगों ने पुजारी शंभू शरण को सूचना दी। वह ठंड से कांप रहा था। बच्चे को पुजारी ने घर ले जाकर दूध पिलाया। इसके बाद बच्चा चुप हो सका।

नानी को दी गई सूचना

दो दिनों से अखबारों में बच्चा चोरी होने की खबर छप रही थी। पुजारी ने बच्चे की फोटो मिलाई। इसके बाद मंदिर समिति के पदाधिकारियों से संपर्क किया। अध्यक्ष अयोध्या मिश्र, उपाध्यक्ष जुगुल किशोर तिवारी ने पार्ष रणंजय सिंह जुगनू को बताया। पार्षद सहित सभी लोग जमा हो गए। मदनपुर का पता लिखे होने से लोगों ने किसी तरह से मदनपुर के गुड्डू का नंबर लेकर बच्चे के नाना-नानी को मामला बताया गया। पुलिस को सूचना दी गई तो पुलिस पहुंच गई। बिना वर्दी के पहुंची पुलिस को देखकर पुजारी ने बच्चा देने से मना कर दिया। इसको लेकर पुलिस वालों से पुजारी की कहासुनी भी हुई। इसके बाद बच्चे की मां को बुलाकर उसकी पहचान कराई गई।

मां रोई तो भीग गई पुजारी की आंखें

करीब 40 घंटे बाद मासूम को पाकर मां नाज फूट फूटकर रोने लगी। महिला को रोता देखकर पुजारी की आंखों भी आंसू आ गए। पुजारी ने पुलिस को बताया कि उनको अपने खोए बेटे की याद आ गई। सिलीगुड़ी में आर्मी के सिग्नल कोर में तैनात रहे पुजारी के तीन बेटों में पुरुषोत्तम, महेश और दिनेश है। वर्ष 2006 से पुरुषोत्तम लापता हैं। उनको अपने खोये बच्चे की याद आ गई इसलिए वह अपने जज्बातों पर काबू नहीं रख सके। वहां मौजूद अन्य लोगों की आंखें भी छलक आई। पुलिस ने बच्चे को फैमिली के हवाले कर दिया। पुलिस का कहना है कि बच्चा बरामद हो गया है, लेकिन मामले की जांच चलेगी। बच्चे के चुराने और बरामद होने के बीच की कहानी सुलझी नहीं है। आरोपी महिला से पुलिस पूछताछ कर रही है।

बच्चे को बरामद करके उसकी मां को सौंप दिया गया। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। जांच में जो आरोपी पाया जाएगा। उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आरके सिंह, एसओ गोरखनाथ

Posted By: Inextlive