जॉब फेयर में बदइंतजामी, गश खाकर गिरी युवती
गोरखपुर (निखिल तिवारी).मेगा जॉब फेयर में इंटरव्यू देने के लिए 20,000 से भी ज्यादा कैंडिडेट्स ने अपना रजिस्टे्रशन कराया था। मगर इनमें से केवल 5163 कैंडिडेट्स का ही सेलेक्शन हो पाया। इनमें से ज्यादातर कैंडिडेट्स को मौके पर ही जॉब ऑफर लेटर दे दिया गया।फेयर में नहीं मिली जॉब नौकरी की तलाश में जॉब फेयर में आए बहुत सारे कैंडिडेट्स को खाली हाथ लौटना पड़ा। इसमें बहुत सारे कैंडिडेट्स ऐसे भी पहुंचे थे जो कई बार से जॉब फेयर में आ तो रहे हैं मगर उनको जॉब नहीं मिल रही। उनका कहना था कि वह हर बार रोजगार मेले में आते हैं, मगर जॉब से वंचित रह जाते हैं।सेंटर खोजने में परेशान हुए कैंडिडेट्स
एमएमएमयूटी कैंपस में यह मेला आयोजित होने की वजह से बहुत सारे कैंडिडेट्स को इंटरव्यू रूम खोजने में परेशानी का सामना करना पड़ा। कैंपस बड़ा होने की वजह से प्रशासन ने जगह-जगह बोर्ड लगाए थे, मगर इसके बाद भी कैंडिडेट्स अपना सेंटर खोजने में असमर्थ दिखे। सेंटर न मिल पाने की वजह से कुछ कैंडिडेट्स वापस भी चले गए।पंखे तक की नहीं थी व्यवस्था
जॉब फेयर में पार्टिसपेट करने के लिए यूनिवर्सिटी के सेमिनार हॉल में रजिस्टे्रशन काउंटर बनाया गया था। इस सेमिनार हॉल में रजिस्टे्रशन के लिए कैंडिडेट्स को घंटों लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ा। हॉल का एसी बंद था और पंखे तक की कोई व्यवस्था नहीं थी। भीषण गर्मी होने की वजह से कूड़ाघाट निवासी राधा गश खाकर गिर गई। 136 कंपनियों ने किया पार्टिसिपेट जॉब फेयर में एलआईसी, वर्धमान, फ्लिपकार्ट, डाईकिन, फिनो पेमेंट्स बैंक, ओप्पो, पेटीएम, रैपिडो, स्वीगी, अमेजन, ओला कैब, हीरो मोटोकॉर्प समेत 136 कंपनियों ने पार्टीसिपेट किया। मैं कई बार से रोजगार मेले में आ रहा हूं। मैने आईटीआई किया है और यह मेरा चौथा मेला है। यहां आने पर पहले फार्म लेने में काफी मश्क्कत करनी पड़ी, इसके बाद इंटरव्यू सेंटर भी जल्दी नहीं मिल रहा है।सौरभ निषाद, कैंडिडेटमेरा होली-सोली कंपनी में डाटा एंट्री के लिए सेलेक्शन हुआ है। इंटरव्यू देने के लिए मैं लखनऊ से आई हूं। मैंने डीएलएड किया और मेरी जॉब भी लखनऊ में ही लग गई है।साहित्या पाठक, कैंडिडेटमैं पहली बार जॉब फेयर में आई हूं और मेरी कुशीनगर एयरपोर्ट पर जॉब भी लग गई है। देवरिया में मुझे अपने टीचर के माध्यम से पता चला और सेलेक्शन भी हो गया।ममता कुशवाहा, कैंडिडेट
मैने इलेक्टीशिन टे्रड से आईटीआई किया है और तीसरी बार जॉब फेयर में आया हूं। यहां भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पहले फार्म ही नहीं मिल रहा था और सेंटर के लिए भी भटकते रहे। गौरीशंकर शर्मा, कैंडिडेटजॉब फेयर में 136 कंपनियों ने हिस्सा लिया, जिसमें 5163 कैंडिडेट्स का सेलेक्शन हुआ है। सभी कंपनी अपनी जरूरत के हिसाब से लोगों का चयन करती हैं। इस वजह से कुछ को निराशा हाथ लगती है। कैंडिडेट्स की सुविधा के लिए जगह-जगह पर बोर्ड लगाए गए थे। सत्यकांत, प्रिंसिपल गवर्नमेंट आईटीआई