मेंटली चैलेंज्ड मरीज ने मेडिकल कॅालेज में मचाया उत्पात
- एडमिट बच्चे का दबा रहा था गला, ट्रामा सेंटर में मचा अफरा-तफरी
- इलाज कराने पहुंची ऑर्थो डॉक्टर का भी पकड़ा हाथ GORAKHPUR: मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार की रात एक्सीडेंट में घायल एक युवक को एडमिट कराया गया। उसके दाहिने पैर में गंभीर चोट थी। एडमिशन के बाद ही उसने ट्रॉमा सेंटर के अंदर जमकर हंगामा किया। डॉक्टर से खुद को छुड़ाकर जहां वह बाहर भाग निकलने की कोशिश करने लगा, वहीं पास में ही एडमिट मासूम का गला दबाने की कोशिश की। यही नहीं डॉक्टर के मना करने पर वह उनसे उलझने से भी बाज नहीं आया। किसी तरह से वार्ड ब्वॉय व सुरक्षा गार्ड के प्रयास से दोबारा उसे इमरजेंसे वार्ड के बेड संख्या दो पर भर्ती कराया गया। इस बीच वहां दहशत का माहौल रहा। रात 10 बजे हुआ एडमिटएक व्यक्ति ने शुक्रवार की रात लावारिस हालत में एक 16 वर्षीय युवक को गंभीर हालत में घायल पाया। वह सड़क के किनारे पड़ा हुआ था। उसका दाहिना पैर पूरी तरह से टूट चुका था और पैर से खून निकल रहा था। रात करीब 10 बजे उसने उसे मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया। डॉक्टर व हेल्थ एंप्लाइज उसके इलाज में लगे रहे, लेकिन वह बार-बार उनके चंगुल से भागने का प्रयास करने लगा और बाहर निकल भागा, मगर वार्ड ब्वॉय और सुरक्षा गार्ड ने उसे पकड़ लिया। इस बीच वह बार-बार नंदनी-नंदनी कहकर चिल्लाने लगा। उसके दाहिने हाथ पर गोदकर सोहन नाम लिखा हुआ था, मगर वह अपना नाम और पता नहीं बता पा रहा है।
दबाने रहा था गला ट्रॉमा सेंटर से शनिवार की सुबह उसे इमरजेंसी वार्ड के बेड संख्या 3 पर शिफ्ट किया गया। वहीं बेड संख्या 2 पर बिहार सीवान कुरमौटा निवासी विरेंद्र का 12 वर्षीय बेटा छोटू भर्ती है। उसके परिवार वाले आपस में बात कर रहे थे कि इस बीच वह युवक उठा और छोटू का गला दबाने लगा। जिससे छोटू छटपटाने लगा। तभी फैमिली मेंबर्स की नजर उस पर पड़ गई। वार्ड में मौजूद लोगों ने किसी तरह से छोटू मदद से छोटू को उसके चंगुल से छुड़वाया गया। डॉक्टर्स भी भयभीतइलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड में पहुंची आर्थो सर्जन डॉ। जोली उसका उपचार कर रही थी। जब वह युवक को देखने के लिए पहुंची तो इस दौरान युवक ने उनका हाथ पड़ लिया। तभी स्टाफ नर्स व वार्ड ब्वॉय पहुंच गए और उन्हें उससे छुड़वाया। डॉक्टर्स की मानें तो उसका दिमागी संतुलन ठीक नहीं है। वह बार-बार सिर्फ नंदनी का नाम ले रहा है। ट्रामा सेंटर के हेल्थ एंप्लाइज का कहना है कि उसे घरवालों का पता नहीं चल रहा है और न ही वह कुछ बोल पा रहा है।