एचआईवी मुक्त गोरखपुर के लिए कसी कमर
GORAKHPUR:
बीआरडी मेडिकल कालेज के माइक्रोबॉयोलोजी डिपार्टमेंट में जिला क्षय रोग व जिला एड्स अधिकारी डॉ। रामेश्वर मिश्रा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक की गई। बैठक में गोरखपुर जिला को एचआईवी मुक्त मॉडल जिला बनाने के लिए जिला स्तरीय स्टाफ के साथ मीटिंग की गई। मीटिंग में ऑनलाइन माध्यम से अपर परियोजना निदेशक डॉ। हीरा लाल आईएएस उत्तर प्रदेश एड्स कंट्रोल सोसायटी यूपीएसएसीएच लखनऊ से जुड़े रहे। परियोजना निदेशक द्वारा जिला एड्स अधिकारी के माध्यम से जिले में संचालित आईसीटीसी (इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर), पीपीटीसीटी (प्रीवेशन ऑफ पैरेंट ट चाइल्ड ट्रांसमिशन), ओएसटी (ओपायेड सब्सीट्यूट थिरैपी), एसटीआई (सेक्सयली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन) सेंटर्स पर कार्यरत परामर्शदाता और लैब टेक्नीशियन को ससमय सेंटर पर पहुंचकर अधिक से अधिक गर्भवती महिला, प्रवासी मजदूर की एचआईवी पे सलाह और जांच की जाए, जिससे की एचआईवी के प्रसार को रोका जा सके। सभी एचआईवी पॉजिटिव महिला का संस्थागत प्रसव सुनिश्चित किया जाए। उनसे पैदा होने वाले बच्चों को नेवरापिन सीरप उपलब्ध कराया जाए। सभी सेंटर के कर्मियों की कार्य के दौरान आने वाली कठिनाईयों का अविलंब निस्तारण का निर्देश डीटीओ को दिया गया।
रिपोर्ट करना है अपलोडसीएम द्वारा जंगल कौडि़या सीएचसी को गोंद लिया गया है। इस सीएचसी पर आईसीटीसी सेंटर अविलंब संचालित किया जाए। 100 बेड के टीबी चिकित्सालय नंदानगर में ओएसटी सेंटर के लिए एक अन्य स्टाफ जिला प्रशासन से उपलब्ध कराने को कहा गया। जिससे की इस सेंटर की शुरूआत की जा सके। गोला और गगहा की रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड नहीं हुई है। उसे दो कार्य दिवस में पूरा कराने को कहा गया है। मीटिंग में संयुक्त निदेशक आईसीटीसी डॉ। प्रीति पाठक सोच पोर्टल पर सभी मरीजों की एंट्री करने एवं ससमय ऑनलाइन पोर्टल जैसे एसआईएमएस, पीएएलएस पर रिपोर्ट अपलोड होनी चाहिए। सहायक निदेशक अजय शुक्ला ने कहा कि सभी यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट अविलंब सोसायटी को भेजें। इस मौके पर सिद्धार्थ राय, भारत चौधरी, कविता तिवारी, धर्मवीर सिंह, राजेश सिंह, अर्चना श्रीवास्तव, शैलेश चौधरी प्रतिभाग किया। गणेश प्रसाद और चंद्रभान यादव, मीटिंग के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान रहा।