रंगाश्रम के मंच पर मीठा जल
- रंगाश्रम परिवार ने किया नाटक मंचन
GORAKHPUR: अर्द्धनिर्मित प्रेक्षागृह के लिए चल रहे रंगाश्रम आंदोलन की 1208वीं कड़ी में रंगाश्रम परिवार ने शनिवार को नाटक मीठा जल का मंचन किया। निर्देशन रत्नाकर सिंह ने किया। इसमें कलाकारों ने सूखे की तबाही और पानी के संकट से दर्शकों को रूबरू कराया। नाटक की कहानी के मुताबिक दलित बस्ती स्थित कुएं में सूअर के गिरकर मरने से पानी दूषित हो जाता है। पानी के संकट से पूरा गांव जूझ रहा है। ऐसे में भीखू नामक किसान का बेटा बीमार पड़ जाता है। दलित बस्ती के लोग पानी मांगने ऊंची जाति के लोगों के पास जाते हैं। लेकिन उन्हें पीटकर खदेड़ दिया जाता है। इससे परेशान होकर भीखू खुद कुआं खोदने का फैसला लेता है। उसकी सच्ची लगन और दिन रात की मेहनत आखिरकार रंग लाती है। मीठा जल निकलने पर प्रधान उसे पैसों का लालच देकर कुआं देने को कहता है। लेकिन मेहनती और ईमानदार भीखू उसके झांसे में नहीं आता और अपना कुंआ देने से इनकार कर देता है। नाटक में त्रिशुराज राय, आकाश तिवारी, मनोज कुमार वर्मा, अमित सिंह पटेल, अमित यादव, विष्णु प्रताप पांडेय, अखिलेश सिंह, रज्जब अंसारी और शिवम सिंह का अभिनय सराहनीय रहा।