लापरवाही की ठंड से अस्पताल बीमार
- डीडीयूजीयू के प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर स्टूडेंट्स के लिए नहीं है सर्दी, जुकाम की दवाएं
- जेब ढीले कर प्राइवेट मेडिकल शाप से दवा ले रहे स्टूडेंट GORAKHPUR: हाड़ कंपा देने वाली ठंड ने जहां सभी की दिनचर्या डिस्टर्ब कर दी है। वहीं डीडीयूजीयू के प्राइमरी हेल्थ सेंटर की व्यवस्था भी ठंडी पड़ गई है.आलम यह है कि यहां आने वाले स्टूडेंट्स को सर्दी, जुकाम और बुखार तक की दवाएं नहीें मिल रहीं हैं। स्टूडेंट को छोटी-मोटी दिक्कतें होने पर बाहर आकर दवाएं लेनी पड़ रहीं है। हर दिन लौट जाते हैं 45-50 स्टूडेंट्सगोरखपुर यूनिवर्सिटी में तकरीबन 20 हजार स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। इन स्टूडेंट्स की तबीयत बिगड़ने पर प्राइमरी हेल्थ सेंटर से दवाएं दी जाती हैं, लेकिन इधर कुछ दिनों से प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर दवाएं नहीं मिल रही है। हर दिन करीब 45-50 स्टूडेंट्स इलाज के लिए यहां आते हैं, यहां इलाज के लिए एक डॉक्टर तो मौजूद है, लेकिन जब दवा देने की बारी आती है। तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया दिया जाता है.क्योंकि इधर कुछ दिनों से सर्दी, जुकाम और जरूरी एंटी बायोटिक्स खत्म हो चुकी है। जिसकी खरीदारी काफी दिनों से नहीं हुई।
आठ लाख रुपए का है बजटयूनिवर्सिटी के प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर दवाओं की खरीदारी के लिए 8 लाख रुपए का बजट निर्धारित है, लेकिन इस सत्र में अब तक महज एक लाख 20 हजार रुपए की ही दवाएं खरीदी गई हैं। शेष धनराशि अभी बची हुई है। अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार दवाओं की खरीदारी अब तक क्यों नहीं की गई, जबकि दवाओं के खरीदारी के लिए परचेज कमेटी बनाई गई है। वहीं सूत्रों की माने तो परचेज कमेटी अभी यह नहीं तय कर पा रही है कि कहां से दवाओं की खरीदारी कराई जाए।
कर्मचारियों के पास नहीं है कार्य प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर तैनात कर्मचारियों की माने प्राइमरी हेल्थ सेंटर तो खुद ही बीमार है। यहां एलोपैथिक का एक डाक्टर है। जबकि एक पार्ट टाइम और एक फूल टाइम डाक्टर की जगह पिछले कई सालों से खाली पड़ी हुई है। वहीं कर्मचारियों की भी भारी कमी है। मौजूदा हाल में महज चार कर्मचारी हैं। जबकि तीन और कर्मचारियों की जरूरत है। यहां तीन कंपाउंडर, एक ओटी, एक प्यून और दो वार्ड ब्याय की तैनाती है। लेकिन, प्रापर दवाएं न होने से इन सभी कर्मचारियों का कोई रोल नहीं है। वर्जनदवाओं की परचेज होनी है। कुल आठ लाख रुपए का बजट निर्धारित है। बाकी दवाओं की खरीदारी जल्द हो जाएगी।
डॉ। लक्ष्मी सुमन, मेडिकल आफिसर, प्राइमरी हेल्थ सेंटर, डीडीयूजीयू