कोरोना संक्रमित व ब्लैक फंगस के इलाज के लिए खरीदी गई दवाईयां सरकार के लिए सिरदर्द बन गई हैं. इन दवाओं का एक बड़ा स्टॉक ड्रग स्टोर में बचा हुआ है. कुछ दवाओं की एक्सपायर डेट भी नजदीक है. जबकि कुछ एक्सपायर भी हो गई हैं. संक्रमण नियंत्रित होने के कारण अब यह दवाएं बेकार साबित हो रही है. इसको लेकर शासन ने सभी सीएमओ को कड़ा पत्र लिखा है. शासन ने साफ लिखा है कि मेडिकल कारपोरेशन में बची हुई कोरोना संक्रमितों के इलाज की आवश्यक दवाओं को किसी सूरत में वापस नहीं किया जाएगा.


गोरखपुर (ब्यूरो)। दवाओं का प्रयोग संबंधित अस्पताल करेंगे। अगर दवाएं प्रयोग नहीं की जा सकी और उनकी एक्सपायर डेट बीत गई हो तो दवाओं को नष्ट कर दिया जाएगा। इसकी प्रक्रिया स्थानीय स्तर पर ही अपनाई जाएगी। किसी भी परिस्थिति में दवा को वापस मुख्यालय नहीं भेजा जाएगा। इसको लेकर उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक ने पत्र जारी किया है। उन्होंने अपने पत्र में कोरोना संक्रमण और म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) का हवाला भी दिया है। वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं
पत्र में उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक डॉ। मुथुकुमारास्वामी बी ने माना कि कुछ जिलों से इस बाबत पत्र मिले हैं। जिलों में रेमडेसीविर इंजेक्शन और म्यूकरमाइकोसिस से जुड़ी दवाई बची है। प्रबंध निदेशक ने बताया कि निगम की नियमावली में वितरण के पश्चात औषधियों को वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में अगर कोई दवाएं एक्सपायर होती हैं तो उसका निस्तारण स्थानीय स्तर पर ही प्रक्रिया व नियमानुसार करना है।

Posted By: Inextlive