नहीं मिली दवा, भटकते रहे तीमारदार
- जिले में दिखा बंदी का व्यापक असर
GORAKHPUR : ई-फार्मेसी और नई लाइसेंस नीति के विरोध में बुधवार को जिले में दवा की दुकानें बंद रही। दूर-दराज के इलाकों से आए मरीजों और तीमारदारों को इस नाते काफी परेशानी उठानी पड़ी। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और प्राइवेट हॉस्टिल का भी बुरा हाल था। डीएम कार्यालय पर नारेबाजीदवाओं की ऑनलाइन बिक्री और दवा की दुकनों पर फार्मासिस्टों की अनिवार्यता की समाप्त किए जाने के विरोध में दुकानें बंद कर दवा विक्रेताओं ने भालोटिया मार्केट से विरोध जुलूस निकाला। जुलूस कलेक्ट्रेट चौराहा, गणेश चौराहा, विजय चौक, अलीनगर, बक्शीपुर, घंटाघर, रेती, शास्त्री चौक होते हुए डीएम कार्यालय के सामने पहुंचा, जहां दवा व्यवसाइयों ने सभा की। इस दौरान उन्होंने सरकार के नीतियों का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की। इसके बाद मांग संबंधित ज्ञापन डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को भेजा। व्यापारियों का कहना है कि मांग जल्द पूरी नहीं हुई तो यह अनिश्चिम कालीन हड़ताल के लिए बाध्य होंगे।
मेरी पत्नी की हालत काफी खराब थी। सुबह एक डॉक्टर को दिखाया?था। उन्होंने दवा लिखी, लेकिन मेडिकल स्टोर बंद मिले। कई जगह चक्कर लगा चुका हूं, लेकिन दवा नहीं मिली। जर्नादन, मनीकापुरदवा नहीं मिल रही है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के आस पास की दुकान बंद थी। पैदल ही बेतियाहाता पहुंचा। वहां भी दुकानें बंद मिलीं। एक व्यक्ति से मुलाकात की तो उसने बताया कि हरिओम नगर में एक दुकान खुली है। यहां पहुंचा तो कुछ दवाइयां मिली, लेकिन बाकी दवा नहीं मिल पाई।
रामबदन, सहजनवां दवा की दुकानों के बंदी के बारे में जानकारी नहीं थी। दवाओं की खरीदारी करने के लिए पहुंचा था, लेकिन बंदी के कारण वापस लौटना पड़ रहा है। राजा चौहान, हाटा कुशीनगर मेरे दादा की हालत बेहद खराब थी। उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है। कुछ जरूरी दवाएं नहीं मिल रही थी तो भलोटिया मार्केट पहुचा था लेकिन यहां सन्नाटा पसरा मिला। राकेश यादव, हाटा सुकरौली कुशीनगर