फिर आएगी एमसीआई टीम, फूल रहे हाथ पांव
- एमबीबीएस के मानक को एक बार और परखेगी एमसीआई टीम
- मार्च में आ सकती है टीम, मेडिकल कॉलेज प्रशासन तैयारियों में जुटा GORAKHPUR: कहीं हाथ से एमबीबीएस की सीट फिसल न जाए इसको लेकर अभी से मेडिकल कॉलेज प्रशासन के हाथ पांव फूलने लग गए हैं। इसी का नतीजा है कि एमसीआई टीम के आने से पहले ही कॉलेज तैयारियों में लग गया है। पिछली बार एमसीआई की टीम ने एजुकेशन से संबंधित विभिन्न डिपार्टमेंट का इंस्पेक्शन किया था और कमियों को दूर करने का सुझाव दिए थे, लेकिन टीम के लौटते ही जिम्मेदार उसे भूल गए और वहां अभी भी वहीं कमियां मौजूद हैं। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे ठीक कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक टीम मार्च में दोबारा दौरा करने आ रही है। टीचर की है कमीवर्तमान में मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सौ सीटें हैं। एमसीआई के मानक पर मेडिकल कॉलेज को परखने के बाद जांच टीम सीटों का निर्धारण करती है। पिछली बार मेडिकल कॉलेज के दौरे पर आई एमसीआई टीम को चेकिंग के दौरान टीचर की कमी मिली थी। इसे तत्काल दूर करने का सुझाव दिए थे, लेकिन वर्तमान में स्थिति को सुधारने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन लगा हुआ है। विभागीय सूत्रों की मानें तो खाली पदों पर अभी तक टीचरों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। इस मामले में जिम्मेदारों का दावा है कि इन पदों को समय रहते ही भर लिया जाएगा। टीचर की कमी आड़े नहीं आएगी।
नहीं है लेक्चर थियेटर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस स्ट्डेंट्स के लिए लेक्चर थियेटर की भी व्यवस्था नहीं है। टीम ने इसे भी फौरन तैयार करने का निर्देश दिया था। इसके लिए बकायदा प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा भी गया। मगर आलम यह है कि लेक्चर थियेटर का काम अभी भी अधूरा पड़ा है। साथ ही छोटी-छोटी समस्याओं को भी अब तक दूर नहीं किया जा सका है। इस संबंध में मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि एमसीआई के सुझाव पर अमल किया जा रहा है। समस्याओं का निराकरण जल्द से जल्द कर लिया जाएगा। दावा है कि किसी भी समस्याओं को सामने नहीं आने दिया जाए। पूर्व प्राचार्य के समय में एमसीआई टीम ने इंस्पेक्शन किया था। जो सुझाव दिए गए है। उसके आधार पर कमियों को दूर किया जा रहा है। इसके लिए तैयारियां की जा रही है। टीम के आने से पहले समस्याओं का निदान कर लिया जाएगा।राजीव मिश्रा, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज