मेयर की जांच में खुली अधिकारियों की पोल
- एक वार्ड में चार इंजीनियर्स तैनात, फिर भी हो रहा घटिया निर्माण
- मेयर ने पूछा आखिर क्या कर ही है इंजीनियर्स की फौज GORAKHPUR: नगर निगम में तैनात अभियंताओं की कारगुजारी की पोल मंगलवार को खुल गई। वार्ड नं 49 भेडि़यागढ़ में हो रहे नाली निर्माण के लिए ठेकेदार ने उनकी मौजूदगी के बाद भी निर्माण स्थल पर घटिया सामग्री गिरा दी। इसकी सूचना मेयर डॉ। सत्या पांडेय को मिली, तो वह तत्काल मौके पहुंची। उन्होंने गुणवत्ता की जांच की, तो सामग्री घटिया मिली। मेयर ने वार्ड में तैनात इंजीनियर्स के बारे में जानकारी ली, तो मालूम हुआ कि एक वार्ड के निर्माण कार्य की देखरेख चार इंजीनियर्स के जिम्मे है। बावजूद इसके हो रहे घटिया निर्माण पर मेयर बिफर पड़ीं और उन्होंने निर्माण कार्य की जांच का आदेश दिया है। नौ लाख का था नाली निर्माणवार्ड नं। 49 भेडियागढ़ में परमानन्द त्रिपाठी के मकान के सामने नाली निर्माण का कार्य दो दिन पहले शुरू हुआ। ठेकेदार ने रात को यहां घटिया ईट, सुखी गिट्टी और मलबा गिराया था। घटिया सामग्री देखकर पब्लिक ने इसी शिकायत नगर निगम के अधिकारियों से की। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो कुछ लोगों ने मेयर से इसकी कंप्लेन की। मंगलवार की दोपहर मेयर निर्माण स्थल पर पहुंची तो वहां रखे सामानों को देखकर दंग रह गई। स्थल पर बिना मसाला, सूखी गिट्टी और मलबा नाली के बेड पर बिछाया जा रहा था। घटिया ईट और पुराने ईट का उपयोग किया जा रहा था। इस पर मेयर ने वार्ड के एई और जेई को मौके पर फटकार लगाई।
क्या करते हैं चार इंजीनियर्स? एक वार्ड के निर्माण कार्य की देखरेख करने की जिम्मेदारी चार इंजीनियर्स की होती है। सबसे नीचे जेई, उसके बाद एई, उसके बाद एक्सईएन और सबसे उपर चीफ इंजीनियर होता है। एक वार्ड की देखरेख करने के लिए चार-चार इंजीनियर्स की तैनाती होने के बाद भी ठेकेदार अपनी मनमर्जी कार्य कर रहा है। इसको देखते हुए मेयर ने सख्त नाराजगी जताई। लोगों का कहना है कि नगर निगम में जबतक कार्यो में कमीशन का खेल होगा, चार नहीं चालीस इंजीनियर तैनात हो जाएंगे ठेकेदार अपने मन से काम करेंगे। घटिया निर्माण की जानकारी मिलने पर मैं भी मौके पर गया था, एरिया के जेई और एई लिखित जवाब मांगा गया है कि आखिर घटिया सामग्री ठेकेदार ने कैसे निर्माण स्थल पर गिराया है। एसके केसरी, चीफ इंजीनियर, नगर निगम