बड़े-बड़े शातिरों से निपटने को आए दो-दो जेलर
- मानक से दो गुने बंद हैं बंदी/कैदी
- 250 से अधिक बंद हैं हत्या जैसे संगीन मामले में GORAKHPUR : रघुवीर सिंह की जेल से भागना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है। फिल्म कालिया का यह डायलॉग लोगों को आज भी याद है। क्योंकि फिल्म में कालिया (अमिताभ बच्चन) जेल तोड़ कर नहीं भाग पाता है। गोरखपुर में शायद रघुवीर प्रताप सिंह जैसा जेलर नहीं है या फिर कालिया से खतरनाक अपराधियों की भरमार है। तभी सुरक्षा को देखते हुए शासन ने गोरखपुर जेल में एक नहीं, बल्कि दो-दो जेलर की तैनाती की है। साथ ही डिप्टी जेलर और सिपाहियों की टीम के साथ अगुवाई करने के लिए सीनियर सुप्रिटेंडेंट भी मौजूद हैं। जबकि प्रदेश की कई ऐसी जेल हैं जहां पूरी सुरक्षा की कमान सिर्फ एक अफसर ने संभाल रखी है। कहीं जेलर हैं तो सुप्रिटेंडेंट नहीं और कहीं सुप्रिटेंडेंट हैं तो जेलर नहीं।जेल में बंद हैं बड़े-बड़े नाम
गोरखपुर जेल में गोरखपुर ही नहीं, बल्कि पूर्वाचल के बड़े-बड़े माफिया बंद हैं। मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के अलावा विनोद उपाध्याय, अजीत शाही, प्रदीप सिंह जैसे बड़े अपराधी जेल में हैं। हालांकि शासन की ओर से विनोद उपाध्याय को सहारनपुर उपकारागार में ट्रंासफर किए जाने का फरमान आ चुका है। यहां हत्या या हत्या के प्रयास जैसे संगीन अपराध करने वालों की संख्या भी कम नहीं है। जेल में करीब 250 से अधिक बंदी/कैदी बंद है, जिन पर हत्या का आरोप है या वे सजा काट रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा बढ़ानी लाजिमी है। इसको ध्यान में रखते हुए गोरखपुर जेल की सुरक्षा की बागडोर सीनियर सुप्रिटेंडेंट एसके शर्मा, जेलर आरके सिंह और जेलर राजेश कुमार सिंह के साथ कई कांस्टेबल्स के हाथ सौंपी गई है। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए न सिर्फ कड़ी निगरानी की जा रही है, बल्कि कई राउंड बैरकों की चेकिंग भी चल रही है।
मानक से डबल हैं कैदी/बंदी गोरखपुर जेल में 800 पुरुष बंदी/कैदी और 22 महिला बंदी/कैदी की कैपासिटी है। वर्तमान में जेल में करीब 1460 बंदी/कैदी बंद हैं। जिसमें करीब 66 महिला बंदी/कैदी हैं। ओवरक्राउडेड होने से जेल अफसरों की परेशानी बढ़ गई है। जेल में शातिर अपराधियों की संख्या अधिक होने से निगरानी में प्रॉब्लम हो रही है। साथ ही बड़े अपराधी और संख्या अधिक होने से उनके बीच आपसी टकराव की घटनाएं भी बढ़ गई है।गोरखपुर में दो जेलर पोस्टेड हैं। इससे सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त हो गई है। गोरखपुर जेल पूरी तरह ओवरक्राउडेड है। यहां बड़े-बड़े और कई शातिर अपराधी भी बंद हैं।
एसके शर्मा, सीनियर सुप्रिटेंडेंट जेल में हैं ये बड़े नाम - विनोद उपाध्याय - अजीत शाही - प्रदीप सिंह - सत्यव्रत राय