मनीष मर्डर केस: घंटों चलती रही पूछताछ, जीडी में हुई लिखापढ़ी
गोरखपुर (ब्यूरो)। गिरफ्तारी की सूचना पाकर एसएसपी डॉ। विपिन ताडा, एसपी सिटी सोनम कुमार और सीओ कैंट श्यामदेव भारी पुलिस बल सहित पहुंचे। कुछ ही देर में रामगढ़ताल थाने के 200 मीटर एरिया को छावनी में तब्दील कर दिया गया। कानपुर के एसीपी आनंद तिवारी सहित एसआईटी के अन्य अधिकारी भी थाने पहुंचे। एसआईटी अधिकारियों और गोरखपुर पुलिस ने आरोपित निलंबित एसएचओ जगत नारायण सिंह और अक्षय मिश्रा से सिलसिलेवार पूछताछ की। शाम 5 बजे थाने ले जाए गए अभियुक्तों से संयुक्त टीम की पूछताछ देर रात तक जारी रही। इस बीच पुलिस ने दोनों आरोपितों का मेडिकल कराने की तैयारी भी पूरी कर ली। पूछताछ के दौरान क्या सामने आया। देर रात तक पुलिस अधिकारी इसकी जानकारी देने से बचते रहे। अधिकारियों ने कहा, जो भी जानकारी मिली है। उसके आधार पर आगे की छानबीन जारी है। उधर गोरखपुर पुलिस की चार टीमें अन्य आरोपितों की तलाश में जुटी रहीं। 27 सितंबर की रात पुलिस मारपीट में चली गई थी जान
27 सितंबर की रात करीब सवा 12 बजे कानपुर के बर्रा निवासी मनीष गुप्ता की पुलिस मारपीट में मौत हो गई थी। वह अपने दोस्त हरवीर सिंह और प्रदीप के साथ रामगढ़ताल एरिया के होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहरे थे। इस मामले में उनकी पत्नी मीनाक्षी ने तीन नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया था। मीनाक्षी का कहना था कि वसूली के इरादे को टारगेट करके पुलिस टीम उनके पति के रूम को टारगेट करके पहुंची। पुलिस की बर्बर पिटाई करके जान ले ली। प्रकरण की जांच शासन के आदेश पर कानपुर की एसआईटी को सौंपी गई। दो अक्टूबर को गोरखपुर पहुंची एसआईटी ने छानबीन के बाद 6 पुलिस कर्मचारियों को दोषी पाया। 24 घंटे में बढ़ा इनाम, 48 घंटे में पकड़े गए हत्यारोपी कानपुर एसआईटी की जांच में छह पुलिस कर्मचारियों को हत्या का आरोपित बनाया गया। शुक्रवार को सभी के खिलाफ 25-25 हजार का इनाम जारी हुआ था। 24 घंटे के भीतर ही शनिवार को इनाम की राशि बढ़ाते हुए एक-एक लाख रुपए कर दी गई । इनाम बढ़ाए जाने पर एसएसपी डॉ। विपिन ताडा ने पुलिस की आठ टीमों को आरोपितों की तलाश में रवाना किया। रविवार शाम पांच बजे इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और एसआई अक्षय कुमार मिश्रा की लोकेशन पुलिस को मिली। कोर्ट में सरेंडर करने की कर चुके थे तैयारी
वांटेड इंस्पेक्टर और दरोगा कोर्ट में सरेंडर करने की तैयारी कर चुके थे। इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस टीम एक्टिव हुई। दीवानी कचहरी से लेकर शहर में पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई। सोशल मीडिया के जरिए एसआईटी ने अभियुक्तों की सूचना देने पर एक लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की थी। उधर पुलिस का दबाव बढऩे पर अभियुक्तों ने सरेंडर करने की तैयारी शुरू कर दी। प्रयागराज में भी आरोपितों ने संपर्क साधा, लेकिन इस बीच पुलिस ने उनको अरेस्ट कर लिया। गिरफ्तार किए गए पुलिस कर्मचारी - इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह निवासी थाना मुसाफिरखाना, जनपद अमेठी।- एसआई अक्षय कुमार मिश्रा निवासी थाना नरही, जनपद बलिया।फरार आरोपितों की तलाश में छापेमारी - एसआई विजय यादव निवासी थाना बक्सा, जनपद जौनपुर- एसआई राहुल दुबे निवासी थाना कोतवाली देहात, जनपद मिर्जापुर- हेड कांस्टेबल कमलेश सिंह यादव निवासी थाना परिसर, जनपद गाजीपुर- कांस्टेबल प्रशांत कुमार निवासी थाना सैदपुर, जनपद गाजीपुरपुलिस कर्मचारियों पर लगे यह आरोप इंस्पेक्टर, दरोगा और कांस्टेबल ने मनीष को पीटकर मार डाला।मनीष के कमरे में साफ-सफाई करके सबूत मिटाने का प्रयास किया।घटना की सही जानकारी सीनियर अफसरों को देने के बजाय गुमराह करते रहे।मौत के बाद जीडी में बीमारी का बहाना दर्ज करके एसएचओ और चौकी प्रभारी फरार हो गए।
लापरवाही, स्वेच्छारिता और होटल की चेकिंग में अविवेकपूर्ण कार्य करने का आरोप। फरार चल रहे इंस्पेक्टर जगत नारायण और एसआई अक्षय कुमार मिश्रा को शाम 5 बजे देवरिया बाइपास तिराहा से अरेस्ट किया गया। उनकी गिरफ्तारी के संबंध में एसआईटी को सूचना दी गई। अन्य आरोपितों की तलाश में पुलिस की टीमें लगी हैं। जल्द ही उनको भी पकड़ लिया जाएगा। डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी गोरखपुर