मनीष मर्डर केस: आरोपित इंस्पेक्टर समेत 6 पुलिस कर्मचारियों पर हत्या का दोष
गोरखपुर (ब्यूरो)। मनीष गुप्ता की रामगढ़ताल एरिया के होटल कृष्णा पैलेस में 27 सितंबर की रात हत्या कर दी गई। इसका आरोप मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने पुलिस कर्मचारियों पर लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस पिटाई से उनके पति की जान गई। इस मामले में मीनाक्षी की तहरीर पर रामगढ़ताल थाने पर तैनात रहे इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दरोगा अक्षय मिश्र, राहुल दुबे, विजय यादव, कांस्टेबल कमलेश यादव और कांस्टेबल प्रशांत सहित छह पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ। शुरुआत में कानपुर एसआईटी ने मामले की जांच की। लेकिन एसआईटी भी मर्डर और गैर इरादतन हत्या को लेकर उलझी रही। दो नवंबर को सीबीआई ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया। सीबीआई ने तय समय के भीतर अपनी चार्जशीट फाइल कर दी। दिल्ली ट्रांसफर किए जाएंगे आरोपित पुलिस कर्मचारी
सीबीआई की चार्जशीट फाइल करने के बाद आरोपित पुलिस कर्मचारी कस्टडी रिमांड पर लिए जाएंगे। सीबीआई उनको तिहाड़ जेल में दाखिल करेगी। मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने सुप्रीम कोर्ट में मामले का ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। ऐसे में उनको दिल्ली शिफ्ट किया जा सकता है। इन धाराओं में यह प्रावधान
आईपीसी 302 : जो भी कोई किसी व्यक्ति की हत्या करता है, तो उसे मृत्यु दंड या आजीवन कारावास और साथ ही जुर्माने से दंडित किया जाएगा। आईपीसी 218: लोक सेवक द्वारा एक गलत रिकॉर्ड तैयार करने या सजा से व्यक्ति को बचाने के इरादे से लेखन, या जब्ती से संपत्ति। सजा - 3 साल या जुर्माना या दोनोंआईपीसी 201: अपराध के साक्ष्य का विलोपन, या अपराधी को प्रतिच्छादित करने के लिए झूठी जानकारी देना। सजा- सात वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड।आईपीसी 120 बी: जो कोई पूर्वोक्त रूप से दंडनीय अपराध को करने के आपराधिक षड्यंत्र से भिन्न किसी आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास से अधिक की नहीं होगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।आईपीसी 149 : यदि किसी गैरकानूनी सभा के किसी सदस्य द्वारा अपराध किया जाता है, तो ऐसी सभा का हर दूसरा सदस्य अपराध का दोषी होगा। किये गए अपराध के समान। ऐसे हुई घटना, इस तरह से हुई कार्रवाई 27 सितंबर 2021: की देर रात गोरखपुर के होटल में पुलिस वालों पर मनीष को पीट-पीटकर मारने का आरोप लगा।28 सितंबर 2021: पोस्टमॉर्टम के बाद तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा, छह लोगों को सस्पेंड किया गया।
29 सितंबर 2021: बॉडी लेकर परिजन कानपुर पहुंचे। सीएम से मुलाकात के बाद अंतिम संस्कार की बात कही। 30 सितंबर 2021: सुबह पांच बजे मनीष का अंतिम संस्कार कराया गया। मनीष की पत्नी ने सीएम से मिलकर अपनी बात रखी। 02 अक्टूबर 2021: कानपुर एसआईटी ने मामले की जांच शुरू की। 10 अक्टूबर 2021: रामगढ़ताल पुलिस ने इंस्पेक्टर जेएन सिंह और दरोगा अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार किया।12 अक्टूबर 2021: पुलिस ने दरोगा राहुल दुबे और कांस्टेबल प्रशांत कुमार को गिरफ्तार किया। 13 अक्टूबर 2021: पुलिस ने कांस्टेबल कमलेश यादव को गिरफ्तार किया था।16 अक्टूबर 2021: पुलिस ने एसआई विजय यादव को अरेस्ट किया। 02 नंबवर 2021: सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज कर अपनी जांच शुरू की।7 जनवरी 2022: सीबीआई ने चार्जशीट फाइल कर दी।