मंडी प्रशासन पल्लेदोरों की नहीं ले रहा सुधि
- महेवा मंडी
- करीब 150 में से 10 रजिस्टर्ड है पल्लेदार - शासनादेश पर भी मंडी समिति नहीं है गंभीर GORAKHPUR: महेवा मंडी में माल ढोने वाले पल्लेदारों की मंडी प्रशासन सुधि नहीं ले रहा है। पिछले वर्ष शासनादेश में मजदूरों का हर हाल में रजिस्ट्रेशन के साथ दुर्घटना बीमा किया जाना था। हालांकि मंडी समिति ने काम करने वाले 150 पल्लेदारों में सिर्फ दस का लाइंसेस ही जारी किया। इसके बाद रजिस्ट्रेशन का सिलसिला धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। बतातें चलें कि पिछले साल एक मजदूर दुर्घटना का शिकार हो गया था। इसे लेकर व्यापारियों जिम्मेदारों के प्रति गुस्सा फूट गया था। इसके बाद किसी तरह मामला शांत कराया गया था। फूट सकता है गुस्सामहेवा में नवीन गल्ला, फल-सब्जी, मछली का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है। यहां छोटी-बड़ी मिलाकर करीब 600 शॉप है। वहीं 900 कारोबारी व्यापार करते हैं। इसके अलावा माल को एक दुकान से दूसरे दुकान पर ले जाने के लिए लगभग 150 मजदूर काम करते हैं। नियमत: कार्य करने से पहले मंडी समिति इन मजदूरों का रजिस्ट्रेशन कर लाइसेंस जारी करते हैं, जिसका शुल्क मात्र 25 रुपये हैं। बतातें चलें कि यहां बिना रजिस्ट्रेशन के ही काम कर रहे हैं। लिहाजा काम करने वाले मजदूर हादसे में घायल और मौत हुई तो इस गुस्से को मंडी प्रशासन भी संभाल नहीं पाएंगा।
यह है रकम दुर्घटना में मृत्यु पर- 50 हजार दुर्घटना में दोनों पैर, हाथ व आंखें या शरीर के किसी भी अंग की क्षति पर- 30 हजार हाथ, पैर व एक आंख की क्षति पर- 15 हजार एक हाथ के साथ चार अंगुलियों की क्षति पर- 14 हजार एक हाथ व तीन अंगुलियों की क्षति पर - 10 हजार दो अंगुलियों के कटने पर- 6 हजार रुपये दुर्घटना बीमा प्रस्तावित है। रजिस्ट्रेशन की संख्या बढ़ाने के लिए पहले से ही प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन कोई मजदूर आगे नहीं आ रहा है। लिहाजा इसके लिए एक टीम बनाई जाएगी। सुभाष यादव, मंडी समिति