पीआरएस में हुई चोरी तो लगाते रहिए चक्कर
- पांच दिनों से थानों के चक्कर लगा रहा युवक
- चोरी के सीमा विवाद में युवक बना चकरघिन्नी GORAKHPUR: रेल रिजर्वेशन कराने पीआरस काउंटर जाएं तो जरा सावधान रहे। हो सकता है वहां आप का पर्स, मोबाइल या बैग चोरी हो जाए। सामान चोरी हुआ तो फिर आप को एफआईआर दर्ज कराने के लिए नाको चने चबाने पड़ेंगे। खजनी एरिया के उसरापार गांव का रबीश कुमार मोबाइल चोरी की एफआईआर दर्ज कराने के लिए ऐसी ही समस्या से जूझ रहा है। पांच दिन से जिम्मेदारों की चौखट के चक्कर लगा रहा ये युवक सिविल पुलिस और जीआरपी के बीच उलझ सिस्टम के रवैये से परेशान हो गया है। पुलिस अधिकारियों को पत्र भेजकर उसने कार्रवाई की गुहार लगाई है। गया था टिकट लेनेकिसी जरूरी काम से रबीश को पुणे जाना था। 17 अक्टूबर को ट्रेन का टिकट लेने के लिए वह गोरखपुर पीआरएस पर पहुंचा। वहां ट्रेन के बारे में जानकारी लेने पूछताछ काउंटर पर गया। वह लाइन में लगकर जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहा था। तभी बगल में मौजूद युवक ने उसका मोबाइल आदि सामान चुरा लिया। टिकट की जानकारी लेने के बाद वह रिजर्वेशन के लिए फार्म भरने लगा। किराया निकालने के लिए उसने जेब टटोली तो मोबाइल, नकदी गायब थे। उसने तत्काल पीआरएस के जिम्मेदारों को जानकारी दी। सीसीटीवी फुटेज में चोर का वीडियो देखकर कर्मचारियों ने रबीश को जीआरपी भेज दिया। लेकिन कैंट पुलिस का मामला बताकर वहां मिले एसआई ने थाने पर जाने की सलाह दी।
थानों की सीमा में उलझी चोरी तहरीर लेकर रबीश कैंट थाना पहुंचा। पुलिसवालों ने उसे जमकर लताड़ लगाई। एक सिपाही ने कहा कि जीआरपी का बवाल लेकर यहां कहां चले आए। सिपाही की बात सुनकर उसने दरोगा से बात की। दरोगा ने अपने कार्यक्षेत्र से बाहर का मामला बताकर उसे चलता कर दिया। थकहार वह फिर से जीआरपी थाना पहुंचा। फिर उसकी बात नहीं सुनी गई। उसने अधिकारियों से मिलकर पीड़ा बताई। कार्रवाई की जगह अधिकारी भी मामले को इधर-उधर टालने में लगे रहे। रोजाना होती चोरियां पीआरएस पर चोर-उचक्कों के लगातार सक्रिय रहने से रोजाना चोरियां होती हैं। दूर-दराज से टिकट लेने आए लोग नफा-नुकसान का आंकलन करके चले जाते हैं। शिकायत करने पर कार्रवाई ना होने से मामला टरकाने पर लोग एक दो बार में लौट जाते हैं। इसलिए पुलिस भी ऐसे मामलों को गंभीरता से नहीं लेती।