तारीख पर तारीख अंजाम मौत
- न्याय न मिलने पर पीडि़त ने किया आत्मदाह
- रजिस्टर्ड भेजकर गोला एसडीएम को दी थी चेतावनीGORAKHPUR: सिस्टम की दरिदंगी से तंग आकर एक फरियादी ने आत्मदाह कर लिया। घटना फ्राइडे दोपहर बड़हलगंज एरिया के ओझौली गांव में हुई। पीडि़त का पट्टीदारों से भूमि विवाद का मुकदमा चल रहा था। वह न्याय के लिए सालों से अफसरों और दफ्तरों के चक्कर लगाता रहा। प्रशासनिक हों या पुलिस अफसर, किसी अफसर ने उसकी पीड़ा को नहींसमझा। साहेबान, अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते रहे। एसडीएम गोला के दफ्तर में तारीख पर तारीख पड़ती रही। अंधा, बहरा, गूंगा प्रशासन पीडि़त को न्याय नहीं दिला सका। जमीन तो रह गई, पर मुकदमा लड़ने के लिए वादी नहीं रहा, लेकिन मौत के पहले उसने सिस्टम पर जो सवाल खड़ा किया। उसका जवाब किसी अफसर के पास नहीं है। उसकी पीड़ा पढ़कर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासनिक अमला कितना क्रूर है। आला अफसरों और सिस्टम की क्रूरता की यह कहानी पहले भी उजागर हुई है। इसके पहले जमीन पर कब्जे से परेशान बस्ती की महिला ने तहसील दिवस में जहर खा लिया था। पिपराइच के एक युवक ने लखनऊ में विधान सभा के सामने आत्मदाह की कोशिश की थी।
पैतृक संपति को लेकर चल रहा था विवाद
करीब ख्ख् साल पहले ओझौली निवासी अरविंद कुमार की पैतृक संपति का बंटवारा हुआ, लेकिन पट्टीदारों ने भूमि पर कब्जा कर लिया। अपने हिस्से को पाने के लिए अरविंद ने लड़ाई शुरू की। पुलिस और प्रशासन के अफसरों को प्रार्थना पत्र देकर वह न्याय की गुहार लगाने लगा। जमीन में हिस्सा पाने के लिए उसने एसडीएम गोला के न्यायालय में वाद दाखिल किया। वाद दाखिल करने के बाद उसे न्याय की उम्मीद नजर आई। लेकिन तारीख पर तारीख पड़ने से उसकी आस टूट गई। उसने सुसाइड करने का फैसला कर लिया। लेकिन इसके पहले उसने एसडीएम गोला को रजिस्टर्ड पत्र भेजकर चेतावनी दे दी। एसडीएम के दफ्तर में उसकी अंतिम चिट्ठी फाइलों के बीच दबकर रह गई। मंदिर के भीतर खड़ी की साइकिल, सामने किया आत्मदाहफ्राइडे को करीब क्क् बजे अरविंद कुमार साइकिल से शिव बाबा मंदिर पहुंचा। अपनी साइकिल भीतर रखने के बाद बाहर निकला। उसने मंदिर की दीवारों पर लिखा कि लिखा कि तीन दिसंबर को एसडीएम गोला मोतीलाल को भेजे गए पत्र का अवलोकन कर लें। इसके बाद उसने खुद को आग के हवाले कर दिया। उसको धूं धूंकर जलता देखकर लोग दौड़ पड़े। लोग उसके कपड़ों में लगी आग बुझाते। इसके पहले अरविंद की मौत हो गई। पब्लिक ने घटना की सूचना बड़हलगंज पुलिस को दी। आनन फानन में पहुंची पुलिस पिकअप में लादकर उसे बड़हलगंज ले गई। वहां डॉक्टरों उसे मृत घोषित कर दिया।
प्रशासन ने छीन लिया बुजुर्ग मां का सहारा पट्टीदारों से जमीन का मुकदमा लड़ने वाले अरविंद की पत्नी नहीं है। घर में करीब 7भ् साल की बुजुर्ग मां धर्मा देवी अकेली है। बेटे के मौत की सूचना लोगों ने महिला को दी। बेटे के मौत की सूचना से वह सकते में आ गई। उसे विश्वास नहींहो रहा था कि उसका बेटा नहींरहा। मोहल्ले की महिलाएं किसी तरह से धर्मा देवी को संभाल रही थी। रोती बिलखती मां ने बताया कि तीन दिसंबर को अरविंद एसडीएम गोला के यहां तारीख देखने गया। वहां ख्भ् दिसंबर की डेट लग गई। इससे वह काफी परेशान रहने लगा। बुजुर्ग मां ने रोते हुए कहा कि अधिकारियों ने उसका सहारा छीन लिया। सिस्टम ने किया आत्मदाह को मजबूरअरविंद न्याय की फरियाद कर रहा था, लेकिन कोर्ट में मुकदमा लंबित होने के बहाने हर अफसर पिंड छुड़ाने में लगा रहा। उसने थाने से लेकर आईजी तक गुहार लगाई। कमिश्नर, डीएम, एसएसपी सहित सभी बड़े अफसरों से मिलता रहा। वे उसके प्रार्थना पत्र लेकर सिर्फ आश्वासन देते रहे। हर एप्लीकेशन पर सिर्फ पूछताछ होती रही। मंडल मुख्यालय से लेकर हल्का मुख्यालय तक सिर्फ उसको दौड़ाया गया। इससे तंग आकर उसने आत्मदाह जैसा घातक कदम उठा लिया।
एसडीएम बोले, लेखपालों से मांगी थी रिपोर्टअरविंद के आत्मदाह करने के बाद प्रशासनिक अमला अपने बचाव में उतर गया है। एसडीएम गोला मोतीलाल सिंह ने कहा कि जुलाई मंथ में लेखपालों को बंटवारा कराने का आदेश दिया गया था। हिस्साकशी के बाद रिपोर्ट मांगी गई। लेकिन लेखपालों ने रिपोर्ट नहीं दी। सवाल यह पैदा होता है कि चार माह बाद भी जब रिपोर्ट नहीं मिली तो एसडीएम ने लेखपालों से जवाब क्यों नहीं तलब किया। तीन दिसंबर को अरविंद ने एसडीएम को पत्र भेजकर आत्मदाह की चेतावनी दी थी। इसके बारे में एसडीएम ने कहा कि सूचना आयोग के बुलावे पर गए थे। इसलिए रजिस्टर्ड पत्र के संबंध में जानकारी नहीं मिली। हालांकि उनके दफ्तर में अरविंद कुमार ओझा की दरख्वास्त फाइलों में दबकर रह गई। उधर इस मामले के बाद पुलिस अफसरों ने कहा कि यह पूरी तरह से राजस्व का मामला है। आत्मदाह की चेतावनी के पत्र के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली। जानकारी मिली होती तो समय रहते विधिक कार्रवाई की जाती।
सिस्टम के जुल्म से टूट गया था अरविंद मौत के पहले अरविंद ने जो पत्र व्यवहार किया। उसका मजमून पढ़ने के बाद हर किसी आंखें भर आई। नम आंखों के भीतर धधकता गुस्सा भी नजर आया। लेकिन हर कोई मजबूर हैं कि वह सिस्टम के खिलाफ कुछ नहीं कर सकता। जमीन के लिए जान देने वाला अकेला अरविंद नहीं, बल्कि जिले में भ्0 हजार से अधिक लोग परेशान हैं। भूमि विवाद के मुकदमों में सिर्फ तारीख पर तारीख झेल रहे हैं। लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार, एसडीएम, एसओ, सीओ, एसपी के बीच वह पिसने को मजबूर हैं। अरविंद के पत्रों के प्रमुख अंश। अंश एक : वंदे कृष्णम जगत गुरु, श्री मोतीलाल सिंह जी, माननीय, एसडीएम गोला गोरखपुर, कृपया तीन दिसंबर के प्रार्थना पत्र का अवलोकन करें। दिनांक क्ख् दिसंबर क्ब्, दिन शुक्रवार समक्ष, भोलेनाथ मंदिर ओझौल्ी, आचार्य रविंद्र कुमार ओझा, सुर्मराकार श्री ठाकुर जी महराज। चिट्ठी भेजी है। पूर्णाहुति, आत्मदाह, स्थान शिवमंदिर ओझौली, दिनांक क्ख् क्ख् क्ब् सेवा में भोलेनाथ, दाहकर्ता रविंद्र कुमार ओझा, सर्वराहकार श्री ठाकुरजी महराजगंज, ओझौली बड़हलगंज गोरखपुर। अंश दो: एसडीएम ने नहीं किया न्याय न्यायालय श्रीमान उप जिलाधिकारी, उप मजिस्ट्रेट तहसील गोला गोरखपुर वादी का नाम अरविंद और प्रेम नारायण आदि प्रिय महोदय, ग्राम ओझौली, स्वामी करपात्री जी महराज की पैतृक जन्मभूमि है। संत बनने के बाद गांव देखने आए थे। चारों तरफ देखने के बाद जो कुछ कहा वह 8भ् /म्म् त्रिलोकी /ठाकुर जी में है। जो लोग ढिढोरा पीटते हैं कठोर कार्रवाई किया जाए। कुछ लोग अपने को मिनी करपात्री बने हैं। पेशी फ्। क्ख्। ख्0क्ब् सांय पेशी। वंदे कृष्णम, आत्मदाह दिनांक क्ख्। क्ख्। ख्0क्ब् प्रात: स्थान शिव मंदिर ओझौली। अंश तीन: पुलिस ने किया हैरान, परेशान नोट: आज दिनांक 8.8. क्ब् को श्री विरीश जी उर्फ हर हर महादेव जी, माननीय आरक्षी हलका नंबर चार थाना बड़हलगंज ने आए थे। शिव मंदिर चौराहे पर राधेश्याम की दुकान पर बुलवाया। श्री सतीश कुमार माथुर जी, माननीय आईजी, गोरखपुर को प्रेषित प्रार्थना पत्र दिनांक, ख्क्। म्। क्ब् को पे्रषित दिखाया। तथा तर्को द्वारा समझाने का प्रयास किया। उन्होंने दूसरे दिन यानि दिनांक 9. 8. क्ब् की सुबह क्0 बजे थाने पर आने को कहा। प्रार्थी पहुंचा, उपनिरीक्षक पंडित शिवकांत पांडेय से मिला। बड़े साहब ने बैठने का आदेश दिया। प्रार्थी को बताया गया तथा कल आने को कहा। तब प्रार्थी दीवान जी से पूछकर घर आया। तथा कल प्रार्थी दूसरे दिन यानि दिनांक क्म्। 8. क्ब् को प्रात: आठ बजे पहुंचा। दीवान जी ने कहा कि गिरी जी गोरखपुर ड्यूटी पर चले गए। दीवान जी को सारे कागज पत्रों का अवलोकन करा दिया। दीवान जी ने कहा कि घर जाइए, हम लोग रिपोर्ट लगा देंगे। अंश चार: आईजी, न्यायाधीश को बताई पटवारी की करतूत संलग्न : श्री प्रमोद कुमार जी माननीय जनपद न्यायाधीश गोरखपुर। सतीश चंद माथुर माननीय आईजी गोरखपुर प्रार्थना पत्र और सर्वहारकारी पौहारी महराज इंतखाब सविनय निवेदन है कि प्रार्थी पहले ही त्रिलोक वर्सेज ठाकुर जी वाद संख्या 8भ्/ क्क्म्म् न्यायालय श्रीमान ना.गृ.ह। बड़हलगंज में चूर चूर हो गया। उसके पहले पूर्व सर्वराहकारी पंडित राम प्यारे ओझा, राम प्रसाद पटवारी के घृण कर्म से बरबाद हो गए थे। उन्होंने सन क्97म् में विधवाओं के संरक्षक रहते हुए उनके जमीन पर अपने दुश्मनों को हिस्सा दे दिया। ये लोग कोड़ारी ओझौली और सोहराभाठ, मुस्तकीम एतमाली में अपने हिस्से से अधिक वय कर दिए हैं। क्रेताओं ने उज्जढता पूर्वक क्रय किया। प्रार्थी हर तरफ से हताश और निराश है। चारों तरफ अंधेरा दिख रहा है। म्म् सबके देह परमप्रिय स्वामी प्रार्थी ठाकुर जी सर्वराहकार अरविंद कुमार ओझा। सूचना आयोग में तलब होने की वजह से बाहर थे। अरविंद कुमार का रजिस्ट्री प्राप्त नहीं हुई। इसलिए इस मामले के संबंध में कोई जानकारी नहीं हो सकी। मोतीलाल सिंह, एसडीएम गोला