- खाता धारकों के साथ करोड़ों रुपए के फर्जीवाड़े का आरोपी महेंद्र नाथ चढ़ा पुलिस के हत्थे

- बार-बार उच्च अधिकारियों से शिकायत के बाद पुलिस ने दिखाई सक्रियता

GORAKHPUR: डाक विभाग के नटवरलाल महेंद्र नाथ पाठक को कैंट पुलिस ने सैटर्डे को गिरफ्तार कर लिया। महेंद्र उसके भतीजे शिवराज और उसके परिवार के ही कई एजेंटों ने मिलकर डाक विभाग के खाताधारकों को एक करोड़ 95 लाख का फर्जीबाड़ा चुना लगाया है। इसकी गिरफ्तारी से खाताधारकों में अपने रुपये को लेकर उम्मीद जगी है। लेकिन कानून की लंबी प्रकिया को समझकर ठगी के शिकार हुए कुछ खाताधारक निराश भी हैं। गिरफ्तार एजेंट से पुलिस फरार चल रहे उसके भतीजे शिवराज पाठक के बारे में पूछताछ कर रही है। इस मामले में डाक विभाग ने जांच कर विभाग के नौ कर्मचारियों पर कार्रवाई की थी।

एक करोड़ 95 लाख का फर्जीबाड़ा किया

मार्च 2014 में डाक विभाग के एजेंट महेंद्र नाथ पाठक, पत्नी मधू पाठक और भतीजा शिवराज पाठक करोड़ों के फर्जीबाडे़ में नामजद किए गए थे। उन पर मंथली सेविंग स्कीम के करीब एक करोड़ 95 लाख रुपए फर्जी ढंग से भुगतान कराने का आरोप है।

इस मामले में 9 कर्मचारी हो चुके हैं सस्पेंड

इस मामले में डाक विभाग के 9 कर्मचारी भी शामिल पाए गए थे। जिन्हें डाक विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा सस्पेंड किया गया और बाद में तबादला भी कर दिया गया। लेकिन खाताधारकों के रुपए मिलने के बजाय केस उलझता ही गया। उधर फरार चल रहे महेंद्र नाथ पाठक, पत्नी माधुरी पाठक और भतीजा शिवराज पाठक की पुलिस लगातार तलाश कर रही थी।

छिपकर कर रहा था एजेंट का काम

काफी तलाश के बाद शाहजहांपुर पुलिस ने फरारी काट रहे महेंद्र नाथ पाठक और मधु पाठक को अरेस्ट किया था। वह करीब एक महीने जेल में भी रहा, लेकिन जमानत पर रिहा होने के बाद महेंद्र नाथ पाठक ने फिर से डाक विभाग में छिप-छिपाकर एजेंट का काम करना शुरू कर दिया था। इसकी शिकायत बार-बार रुपए गवा चुके खाताधारक एसएसपी, आईजी और डीआईजी से कर रहे थे। खाताधारकों के लगातार दबाव के बाद उसे कैंट पुलिस ने पकड़ लिया।

पुलिस के लिए है चुनौती है शिवराज

फरारी काट रहा महेंद्र का भतीजा आज भी गोरखपुर पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। हालांकि खाताधारकों को पूरा विश्वास है कि महेंद्र नाथ पाठक के पकड़े जाने के बाद मेन सरगना शिवराज पाठक को भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। ताकि फ्रॅाड के इस मामले की जांच हो सके। पुलिस महेंद्र पाठक व भतीजा शिवराज पाठक के सिद्धार्थनगर कालोनी स्थित घर और बुद्ध विहार पार्ट सी के घरों पर नजर रखे हुई थी।

डाक विभाग के खाताधारकों के साथ किए फर्जीवाड़े में नामजद एजेंट महेंद्र नाथ पाठक को अरेस्ट कर लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

श्रीधराचार्य पांडेय, इंस्पेक्टर, कैंट थाना

दर्ज धाराओं में सजा का प्रावधान

धारा 409- आजीवन कारावास या फिर दस वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना।

धारा 419- तीन वर्ष का कारावास।

धारा 420 - सात वर्ष का कारावास

धारा 120 बी-मृत्यु या आजीवन कारावास या दो वर्ष कारावास या उससे अधिक कारावास हो सकता है।

धारा 467- दस वर्ष का कारावास या आजीवन कारावास

धारा 468 - सात वर्ष का कारावास

धारा 471 - तीन वर्ष का कारावास

षंडयंत्र के तहत लूट लिया

पीडि़त जाहिर आलम ने बताया कि एक संगठित गिरोह बनाकर खाता धारकों के डाक विभाग के एसवी-7 फार्म को फर्जी भरकर बिना दस्तख्त बिना मिलान किए ही भुगतान करा लिया। पिछले कई वषरें से फर्जी ढंग से खाताधारकों के एमआईएस के रुपए ऐंठेने का काम करता था। इस केस में विभागीय कर्मचारी शामिल रहे। मेरा 20 लाख से ऊपर की रकम है। जिसे पूरी तरह से निगल लिया।

पीडि़त खाताधारक

1- सदानंद शुक्ला-रामनारायण शुक्ला - 60 लाख

2- अश्वनी राय - 51 लाख

3- एपी वर्मा - एक करोड़ पांच लाख

4- जाहिर आलम - 20 लाख

5- सच्चितानंद गुप्ता - 3 लाख

6- आरके गुप्ता - 2.5 लाख

7- योगेश त्रिपाठी - 8 लाख

इस मामले में डाक विभाग की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। सूचना मिली है कि सैटर्डे को महेंद्र पाठक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। महेंद्र और उसके पूरे परिवार का ऑल रेडी एजेंट लाइसेंस कैंसिल किया जा चुका है।

देवव्रत त्रिपाठी, एसएसपी, डाक विभाग

Posted By: Inextlive