- परिवार नियोजन के तहत किया नसबंदी ऑपरेशन, दो घंटे बाद छुट्टी

- बांसगांव स्थित 100 बेड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का मामला

BANSGAON:

परिवार नियोजन के तहत गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नसबंदी ऑपरेशन के लिए लगाए गए कैम्प में खामियां ही खामियां दिखीं। 100 बेड वाले अस्पताल में कुछ ही बेड काम के हैं। इस कारण ऑपरेशन के बाद अधिकतर महिलाओं को फर्श पर ही लिटा दिया गया। कुछ ही घंटे में छुट्टी भी दे दी गई। हालत यह रही कि शिकायत सुनने वाला कोई नहीं था।

बेड पर सिर्फ ऑपरेशन

नगर पंचायत बांसगंाव के वार्ड संख्या 4 निवासी तीमारदार राजू सोनकर व कैलाश सिंह का कहना था कि प्रत्येक गुरुवार को नसबंदी का कैम्प लगाया जाता है। केवल ऑपरेशन के लिए ही महिलाओं को बेड मिलता है। बेड पर ऑपरेशन के तुरंत बाद उन्हें फर्श पर लिटा दिया जाता है। इसके बाद उसी बेड पर दूसरी महिला का ऑपरेशन किया जाता है।

फर्श पर भी जगह नहीं

अस्पताल के फर्श की भी सफाई नहीं की गई है। गंदे फर्श पर ही महिलाओं को लिटा दिया गया था। हालत यह थी कि केवल आठ-दस महिलाएं ही बेड पर थीं, बाकी सभी फर्श पर ही लिटाई गई थीं। फर्श पर भी बमुश्किल जगह मिल पाई थी। महिलाएं लेटी थीं व उनके साथ आए तीमारदार पास में ही खड़े थे।

दो घंटे में छुट्टी

फर्श पर लिटाई गई कलौरा निवासिनी सैला पत्‍‌नी संजय, कोहटा निवासी रीना पत्‍‌नी दुर्गविजय, तिधरा निवासी राजकुमारी पत्‍‌नी रिंकू बभनौली निवासी शोभा पत्‍‌नी रतन आदि के परिजनों ने बताया कि ऑपरेशन के तुरंत बाद बेहोशी की हालत में महिलाओं को फर्श पर लिटा दिया गया। कुछ देर में उन्हें होश आया। दो घंटे बाद छुट्टी भी दे दी गई। परिवार नियोजन योजना के नाम पर कोई सुविधा नहीं है। डॉक्टरों की जिम्मेदारी सिर्फ ऑपरेशन तक है। उसके बाद सबकुछ परिजन ही करते हैं।

Posted By: Inextlive