यहां भरी जाती है रहस्यमयी हवा
- सिटी में धड़ल्ले से चल रहा एलपीजी रीफिलिंग का काला धंधा
- घरेलू गैस सिलेंडर्स से चल रहे एलपीजी ऑटो और प्राइवेट व्हीकल्स द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : कल हमने आपको बताया था कि सिटी में किस तरह हवा पीकर गाडि़यां दौड़ रही हैं। आज जब हम उस रहस्यमयी ईधन की तलाश में निकले तो पता चला कि गाडि़यां एलपीजी पर ही चल रही हैं। बस ये फिलिंग स्टेशन की बजाय घरों में यूज होने वाली एलपीजी गैस है। हालांकि इसका गाडि़यों में ईधन के तौर पर इस्तेमाल पूरी तरह गैरकानूनी है, लेकिन फिर भी सिटी में कई जगह धड़ल्ले से व्हीकल्स में गैस भरी जा रही है। गैस की ये कालाबाजारी पतली और सकरियां गलियों में नहीं, बल्कि मेन रोड पर सरेआम चल रही है। हमने कई शॉपकीपर्स से बात की और स्टिंग ऑपरेशन के जरिए जानी सिटी में एलपीजी की कालाबाजारी की हकीकत।हर जगह जुगाड़ से काम
सिटी में करीब एक दर्जन से ज्यादा एरियाज में गैर कानूनी तरीके से छोटी-छोटी दुकानों में गैस फिलिंग का काला धंधा चल रहा हैं। यहां पर डे हजारों व्हीकल गैस भरवाते हैं। आई नेक्स्ट टीम ने जब कई एलपीजी ऑटो और प्राइवेट व्हीकल ओनर्स से संपर्क किया तो कोई यह कहने को तैयार नहीं था कि कहां-कहां गैस भरी जा रही है। जांच में एक बात और सामने आई कि व्हीकल ओनर के पास गैस भरने वाले शॉपकीपर के मोबाइल नंबर भी होते है और पहले कॉल कर गैस भरने की फिक्सिंग होती है। यहीं नहीं, बिजनेस में कॉम्प्टीशन भी है। बिछिया एरिया में गैस का रेट 80 रुपए प्रति किलो है जबकि नंदानगर में 70 रुपए प्रति केजी का रेट चल रहा है।रिपेयरिंग शॉप में फर्जी फिलिंग सेंटर चल रहा है। बाहर गैस चूल्हे सजे थे, लेकिन अंदर जबरदस्त खेल चल रहा था। एक पाइप दुकान में अंदर से बाहर लाया गया जो अंदर सिलेंडर से जुड़ा रहता है। इसे बाहर खड़ी गाड़ी में पाइप को कनेक्ट करके गैस भरी जाती है। वहीं नंदा नगर क्रॉसिंग के पास मेन रोड पर स्थित गैस चूल्हे मरम्मत की दो दुकानों में भी सरेआम फिलिंग का खेल चल रहा था। यहां पर ऑटो वाले खाली सिलेंडर लेकर आते हैं और अपनी जरूरत के हिसाब से गैस भरवाते हैं। फिर अपनी मशीन से ही ऑटो में गैस भरते हैं जबकि प्राइवेट व्हीकल या फिर मशीन न होने की दशा में शॉपकीपर भी गैस भरते हैं।
सरेआम चल रहा फिलिंग सेंटर- बिछिया रिपोर्टर - क्या एलपीजी गैस मिल जाएगी? शॉप कीपर- गैस या भरा हुआ सिलेंडर? रिपोर्टर- नहीं, मेरी गाड़ी में एलपीजी किट लगी है, उसमें गैस भरवानी है। शॉपकीपर- तारामंडल में फिलिंग स्टेशन है, वहां से भरवा लीजिए। रिपोर्टर- फिलिंग सेंटर में पिछले पांच दिन से गैस नहीं है और गाड़ी खड़ी है। शॉपकीपर- ठीक है, गैस मिल जाएगी, गाड़ी लेकर आइए। रिपोर्टर- मेरे पास भरा सिलेंडर है, केवल मशीन की जरूरत है। शॉपकीपर- अगर भरा सिलेंडर है तो मशीन कहीं से भी ले लीजिए। रिपोर्टर- मशीन नहीं मिल रही। आप तो गैस भर दो। शॉपकीपर- गाड़ी लाने पर ही गैस भरी जाएगी। रिपोर्टर- रेट तो बता दीजिए, कितने रुपए केजी चल रही है गैस? शॉपकीपर- 80 रुपए प्रति केजी रेट है और जितनी आप की गाड़ी में भरे। -------------------लालच का है सारा खेल- नंदानगर
रिपोर्टर- आप की गैस तो महंगी है, जबकि फिलिंग सेंटर में रेट कम है? शॉपकीपर- फिलिंग सेंटर पर एक लीटर में केवल 600 ग्राम गैस मिलती है, जबकि हमारे यहां पूरी एक किलो। रिपोर्टर- हमारा क्या फायदा होगा? शॉपकीपर- आप का फायदा ही फायदा है। पहले तो फिलिंग सेंटर की अपेक्षा पूरी गैस मिलेगी और दूसरा वहां से गैस भरवाने पर अगर आपकी गाड़ी 15 किमी का एवरेज देती है तो हमारे यहां से गैस भरवाने पर 25 किमी का एवरेज देगी। रिपोर्टर- आपको गैस सिलेंडर कहां से मिलता है? शॉपकीपर- आपको गैस लेनी है या फिर इंक्वायरी करनी है? रिपोर्टर- नाराज न हो भाई, मैं सिटी में नया हूं। मेरे पास एलपीजी गाड़ी है। हमेशा जरूरत पड़ेगी इसलिए जानकारी कर रहा हूं। शॉपकीपर- हम भी ब्लैक में गैस सिलेंडर खरीदते हैं। एक सिलेंडर हमें 850 रुपए से 900 रुपए में मिलता है। रिपोर्टर- फिर आपको क्या फायदा होता है ? शॉपकीपर- सिलेंडर में 13.5 केजी गैस होती है, लेकिन हम 13 केजी के लगभग मनाते है। 80 रुपए प्रति केजी बेच कर हमें एक सिलेंडर में सौ से डेढ़ सौ रुपए तक की बचत हो जाती है।रिपोर्टर- परडे कितने सिलेंडर की खपत हो जाती है?
शॉप कीपर- एक से दो सिलेंडर की डेली खपत है, लेकिन कई जगह ऐसी भी है जहां दो से चार सिलेंडर की खपत है। ------------------- सिलेंडर लाओ, गैस भराओ- नंदानगर रिपोर्टर- गैस मिल जाएगी? शॉपकीपर- सिलेंडर लेकर आए हैं? रिपोर्टर- सिलेंडर में नहीं, मुझे गाड़ी में गैस चाहिए। शॉपकीपर- आप सिलेंडर में गैस ले सकते है और अपनी मशीन से गाड़ी में गैस भर लीजिए। रिपोर्टर- मेरे पास मशीन नहीं है, मैं गाड़ी लेकर आता हूं आप गैस गाड़ी में भर दें। शॉपकीपर- कहां है आप की गाड़ी, गाड़ी में गैस भरने में अतिरिक्त पैसा लगेगा। ईमानदारी का काला धंधा