लोहड़ी के जश्न में डूबा शहर
- सिटी में धूमधाम से मनी लोहड़ी
- भांगड़े और ढोल पर जमकर मस्ती की पंजाबी समुदाय ने GORAKHPUR: सुंदर मुंदरिए हो, तेरा कौन विचारा हो, दुल्हा भटी वाला हो, दुलहे की धी वियाही हो, शेरे शकर पाई हो, कुड़ी दा शालु पाटा हो, कुड़ी दा जीवन चाचा हो, चाचे चूरी कूटी हो, लंबड़दारे लुटी हो, गिन गिन पूरे लगाए हो, एक पूरा रह गिया हो, सिपाही चुक के लै गिया, हैप्पी लोहड़ी। हैप्ली लोहड़ी। शाम होते ही पूरा शहर लोहड़ी के जश्न में डूब गया। लोहड़ी के रंग में डूब गयासिटी में जटाशंकर गुरुद्वारा और पैंडलेगंज गुरुद्वारा प्रांगण की रौनक देखते ही बन रही थी। शाम 7 बजे के बाद मुख्य ग्रंथी द्वारा अरदास के बाद जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल के जयकारों के बीच प्रमुख जनों ने साथ मिलकर लोहड़ी जलाई। इसके बाद शुरू हुआ एक दूसरे को सुभकामनाएं देने का दौर। कार्यक्रम में रेवड़ी, मूंगफली, गरी, छुहारा, गजक, पापकॉर्न, गुड़, पेठा के मिश्रण का प्रसाद बांटा गया।
ठंड पर चढ़ा लोहड़ी का रंगभीषण ठंड में भी लोगों पर लोहड़ी का रंग चढ़ा दिखा। पैंडलेगंज, सूरजकुंड, धर्मशाला, मोहद्दीपुर समेत सिटी के अलग-अलग एरिया में सामूहिक लोहड़ी का आयोजन किया गया। नव दंपत्ति और संतान के होने के साथ ही लोहड़ी का त्योहार दो गुना उत्साह लेकर आता है। घरों के साथ-साथ चौराहों पर लोहड़ी में प्रसाद का स्वाह कर पंजाबी धार्मिक गीत गाए गए। बड़े बुजुर्ग से आशीर्वाद के साथ लोगों में प्रसाद का वितरण किया गया।