मुंह फेरा तो हालात पुराने जैसे
- कभी तुर्कमानपुर में 70 प्रतिशत था लाइनलास, फरवरी 2015 में अभियान के बाद 20 प्रतिशत पर पहुंच गया था लाइनलास
- विभागीय लापरवाही से फिर 50 के पार पहुंचा लाइन लास GORAKHPUR: फरवरी 2015 में हुए बिजली चेकिंग अभियान का असर शहर से अब खत्म होने लगा है। इसका सबसे ताजा उदाहरण तुर्कमानपुर फीडर के लाइनलॉस के आंकड़े हैं। फरवरी में 2015 में चले सघन चेकिंग अभियान के बाद शहर के सबसे अधिक लाइनलॉस वाला तुर्कमानपुर, सबसे कम लाइनलॉस की श्रेणी में आ गया था। एक साल बाद फिर से यह फीडर अपने पुराने ढर्रे पर आने लगा है। बिजली विभाग के अफसरों को भी अब पसीने छूटने लगे हैं कि एक बार यहां के लाइनलॉस रोकने में दो दिन तक शहर को माहौल गरम रहा था, अब फिर से अभियान चलाने पर कहीं फिर से मुसीबत न झेलनी पड़े। डिविजन फर्स्ट सबसे ऊपरमहानगर विद्युत वितरण निगम के रिकॉर्ड की बात करें तो पूरे शहर में 29 प्रतिशत बिजली लाइनलॉस से बर्बाद होती है। इसमें सबसे अधिक लाइनलॉस डिविजन फर्स्ट में होता है। एक जेई ने बताया कि इस डिविजन में सबसे अधिक कंज्यूमर्स होने के साथ ही साथ इतनी घनी बस्ती है कि किस घर में बिजली चोरी हो रही है, इसको पकड़ना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। डिविजन फर्स्ट में कुल 11 प्रतिशत लाइनलॉस है। वहीं डिविजन सेकेंड और थर्ड में यह आंकड़ा 9 प्रतिशत है।
यहां होती है सबसे अधिक चोरी शहर में सबसे अधिक चोरी कटिया कनेक्शन से होती है। कटिया कनेक्शन का पूरा खेल शहर के बाहरी एरिया में हो रहे हैं। राप्ती नदी के किनारे बंधे पर बने अधिकांश झुग्गी झोपडि़यों कटिया कनेक्शन से रौशन होती हैं। इसके अलावा बिछिया और इंजीनियरिंग कॉलेज से आगे मोतीराम अड्डा तक कटिया कनेक्शन की भरमार है। वहीं सिटी के अंदर वाले एरिया में मीटर बाइपास करके लोग बिजली चोरी कर रहे हैं। एसडीओ चंद्रशेखर चौरसिया ने बताया कि पहले मीटर के पीछे से तार जोड़कर बिजली चोरी की जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब मीटर में एक डिवाइस लगा दिया जा रहा है। जिससे मीटर स्लो हो रहा है। एक साल पहले शहर में हुई सघन बिजली चेकिंग के दौरान 200 से अधिक ऐसे मीटर पकड़े गए थे, जिनमें मीटर स्लो करने वाला डिवाइस मिला था।लाइनलॉस का रिकॉर्ड तैयार किया गया है, इसमें तुर्कमानपुर फीडर पर फिर से 50 प्रतिशत से अधिक लाइनलॉस मिला है। इसके लिए एरिया के जेई को बोला गया है कि वह लाइनलॉस रोकने के लिए काम करें।
- आरआर सिंह, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम