- समय के साथ अक्षय तृतिया पर खरीद का ट्रेंड बदला

- व्हाइट और पिंक गोल्ड की बढ़ रही डिमांड

समय के साथ अक्षय तृतिया पर खरीद का ट्रेंड बदला

- व्हाइट और पिंक गोल्ड की बढ़ रही डिमांड

GORAKHPUR: GORAKHPUR: बदलते दौर के साथ फैशन में आए बदलाव का असर ज्वेलरी मार्केट पर भी पड़ा है। हाल के वर्षो में ज्वेलरी का ट्रेंड भी लगातार चेंज होता जा रहा है। सोने-चांदी, हीरे आदि के आभूषणों की डिजाइन के साथ-साथ गोल्ड के विभिन्न रंगों और दूसरे देशों की फेमस डिजाइनों की मांग अब पूर्वाचल के सबसे बड़े ज्वेलरी मार्केट हिंदी बाजार में भी दिख रही है। हरी प्रसाद गोपी कृष्ण ज्वेलर्स व एस्प्रा डायमंड के निदेशक अतुल सर्राफ ने बताया कि हाल के दिनों में लाइट वेट की स्टाइलिश ज्वेलरी की डिमांड बढ़ी है।

महंगाई का असर

महंगाई को देखते हुए ज्वेलरी बाजार सस्ती और स्टायलिश ज्वेलरी की डिमांड है। इधर कुछ सालों में कम मूल्य में अच्छी डिजाइन की ज्वेलरी कस्टमर्स की पसंद बन रही है। अक्षय तृतीया पर हल्की रिंग, चूड़ी, कंगन, हल्के चेन, नेकलेस सेट की डिमांड की संभावना है। शादियों के सीजन में लोग ज्वेलरी खरीद के लिए अक्षय तृतीया के मुहूर्त का लाभ लेना चाहते हैं। ज्वेलर्स की मानें तो ब्0 से ख्00 सौ ग्राम सोने के पैकेज में सभी आभूषणों की डिमांड है।

व्हाइट गोल्ड का क्रेज

यूं तो पूर्वाचल का मार्केट के में पीले सोने का चलन है। लेकिन हाल के दिनों में टीन एजर्स में पिंक गोल्ड और व्हाइट गोल्ड का क्रेज बढ़ा है। ज्वेलर्स की मानें तो पिंक और व्हाइट गोल्ड के साथ-साथ इटेलियन और कोरियन ज्वेलरी की भी डिमांड बढ़ी है। सोने और हीरे के आभूषणों में इटेलियन और कोरियन ज्वेलरी की सभी डिजाइंस उपलब्ध है। परंपरागत पीले सोने की व्यापक रेंज के साथ ज्वेलरी मार्केट में आए बदलाव को देखते हमने पूरी तैयारी की है।

अक्षय तृतीया को ही मिला था कुबेर को खजाना

अक्षय तृतीया काल से ही व्यापक महत्व है। इस बार नौ मई सोमवार को अक्षय तृतीया का त्योहार पड़ रहा है। पौराणिक मान्यता के अनुसार आज के ही दिन गंगा का अवतरण हुआ था। इसी दिन कुबेर को खजाने का मालिक बनाया गया था। सतयुग और त्रेता युग का आरंभ भी अक्षय तृतीया के दिन ही हुआ था। महर्षि परशुराम और मां अन्नपूर्णा का जन्म भी इसी दिन हुआ था। तीर्थस्थल बद्री नारायण का कपाट भी भक्तों के दर्शन के लिए इसी दिन खुलता है। इसी दिन भगवान कृष्ण और सुदामा की मुलाकात हुई थी। महाभारत का युद्ध इसी दिन समाप्त हुआ था। अक्षय तृतीया स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। इस दिन कोई भी शुभ कार्य शुरू किया जा सकता है। इस दिन स्वर्ण आभूषण खरीदने से सुख समृद्धि की वृद्धि होती है। अक्षय तृतीया से लेकर ख्ख् मई तक का समय स्वर्ण आभूषण खरीदने के लिए सर्वोत्तम है।

एस्प्रा में ख्ख् मई तक विशेष छूट

हरी प्रसाद गोपी कृष्ण और एस्प्रा डायमंड की ओर से अक्षय तृतीया को देखते हुए लाइट वेट की ज्वेलरी लांच की गई है। वहीं इनके सभी शोरूम में छह से ख्ख् मई तक विशेष छूट दी जा रही है। इस दौरान आभूषणों की बनवाई पर सौ प्रतिशत की छूट दी जा रही है। हाथ से नक्काशी की गई। टेम्पल ज्वेलरी, डायमंड रिंग, पेंडल सेट, लेडिज ब्रेसलेट, नोज रिंग इंडियन और इटेलियन डिजाइन में उपलब्ध है। ब् हजार से लेकर अधिकतम रेंज की हीरे के आकर्षक आभूषणों की रेंज उपलब्ध है।

Posted By: Inextlive