आपदा राहत में रोड़ा बने लेखपाल
- डीएम से हुई शिकायत, कार्रवाई की मांग
- लिस्ट न बनाने में लेखपालों ने की गड़बड़ी GORAKHPUR: सूखे की आपदा राहत किसानों तक पहुंचने की राह में लेखपाल रोड़ा बन गए हैं। आपदा प्रभावित किसानों की सूची में प्रभावित किसानों का नाम शामिल न होने से लोग परेशान हैं। तहसील दिवस में शिकायत करके पीडि़त लोगों ने मुआवजा दिलाने की मांग उठाई है। किसानों का आरोप है कि मनमानी सर्वे में तमाम लोगों का नाम नहीं शामिल गया। सूखा प्रभावित को मुआवजावर्ष 2015 में सूखे की वजह से किसानों की फसल चौपट हो गई। सूखा प्रभावित जिले के किसानों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया। इसके लिए अलग से बजट अलॉट करके मार्च तक राहत का धन बांटने को कहा गया, लेकिन राजस्व कर्मचारियों और संबंधित अफसरों की लापरवाही से सूखा राहत नहीं बंट सका। हाल ही में प्रदेश सरकार ने 15 दिन के भीतर राहत की रकम किसानों के अकांउट में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है। इसके बाद से किसानों का पैसा देने की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो गई है।
नाम न भेजने की शिकायतसदर तहसील के गोपालपुर पड़रिया गांव के किसानों ने तहसील दिवस में शिकायत की है। किसानों ने आरोप लगाया कि उनके गांव में सूखा राहत का सर्वे करने में घोर लापरवाही की गई। लेखपाल ने गांव के तमाम प्रभावित लोगों का नाम चयनित नहीं किया। लोगों ने आरोप लगाया कि लेखपाल ने सूखा राहत का बजट आने पर अलग से इंतजाम करने का आश्वासन दिया था। सदर तहसील के अलावा खजनी तहसील के डूमरडाढ़ और सहजनवां तहसील के कंदराई गांव के लोगों ने भी अपनी शिकायत दर्ज कराई है।