समस्याओं की मारी, बड़गों की जनता बेचारी
- बड़गो रोड की कहानी, पब्लिक की जुबानी
- टूटे रोड, गंदे पानी और लो वोल्टेज में जीने को मजबूर है पब्लिक - कंप्लेन के बाद भी पब्लिक की नहीं होती सुनवाई GORAKHPUR: हाइवे को उस पार बड़गों का हाल बेहाल है। यहां की सड़कें, पानी सप्लाई की व्यवस्था और पब्लिक को मिलने वाली अन्य सुविधाओं को देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि यह भी नगर निगम का हिस्सा है। रोड टूटी, गिट्टियां सड़कों पर बिखरी, शाम होते ही गलियों में अंधेरा, सप्लाई के पाइपों से गंदा पानी, यह यहां पर करीब हर घर और उसके आस-पास का नजारा है। पब्लिक कंप्लेन करती है तो जिम्मेदार एक-दूसरे को जिम्मेदार बताकर अपनी जिम्मेदारी से पलड़ा झाड़ लेते हैं। हालत यह है कि आज भी वहां की हालत जस की तस बनी हुई है। पानी और सड़क कर रही परेशानबड़गो एरिया में सुविधाओं के मामले में जमकर भेदभाव किया जाता है। दो साल पहले यूडीआईएसएसएमटी योजना के तहत टीपी नगर से लेकर रुस्तमपुर तक 2012 में पानी सप्लाई का कनेक्शन तो दे दिया, लेकिन अब तक जलकल इसमें सप्लाई नहीं दे सका। हालत यह है कि 80 प्रतिशत घरों में आज तक शुद्ध पानी नहीं पहुंच पाया। बड़गों से रानीबाग वाली रोड तीन हिस्से में है। कुल 2 किमी लंबी रोड में 100 मीटर खड़ंजा है, 1500 मीटर तारकोल है तो 400 मीटर में केवल गड्ढे ही गड्ढे हैं। बड़गो एरिया में लगे 50 से अधिक स्ट्रीट प्वाइंट बंद पड़े हुए हैं। अधिकांश इंडियामार्का हैंडपंप भी खराब हो गए हैं।
नहीं आती फॉगिंग मशीन महुईसुघरपुर, महेवा और दक्षिणी बेतियाहाता के नागरिक सबसे अधिक संक्रमण बीमारियों के चपेट में आते हैं। यह बातें नगर निगम के संक्रमण अस्पताल के रिकार्ड बताते हैं। इन इलाकों से हर साल सबसे अधिक डायरिया और मलेरिया के मरीज मिलते हैं। आनंद मिश्रा का कहना है कि छह माह हो गया, लेकिन यहां अभी तक फॉगिंग मशीन नहीं आई है। बरसात में न तो यहां क्लोरीन की गोली ही बांटी जाती है और न कोई अल्टरनेट व्यवस्था ही की जाती है। गंदा पानी पीने, गंदगी में रहने को मजबूर पब्लिक अब बीमार होने लगी है। हमारी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। नगर निगम के अफसरों और पार्षदों को कई समस्याओं से अवगत कराया गया, लेकिन अभी तक कोई भी रिजल्ट नहीं निकला है। पिंटू मिश्रा, स्थानीय नागरिकएरिया की सभी सड़कें टूटी हुई है, जो निर्माण कार्य चल रहे हैं, वह भी घटिया तरीके से हो रहे हैं। पार्षद के दबाव में नगर निगम के अधिकारी भी काम नहीं कर पा रहे हैं। कई बार यहां रोड बनवाने को लेकर आंदोलन भी पब्लिक कर चुकी है।
राहुल दूबे, स्थानीय नागरिक मोहल्ले का एक भी इंडियामार्का हैंडपंप सही नहीं है। वहीं फुलवरिया मे पिछले साल से एक भी बूंद पानी की सप्लाई नहीं हुई है। पानी न मिलने के कारण यहां अक्सर बरसात के मौसम में डायरिया का प्रकोप बढ़ जाता है। दीपक कुमार, स्टूडेंट हमने तो दो साल पहले ही नगर निगम को कंप्लेन करके अपने यहां का पानी के कनेक्शन कटवा दिया था। क्या करता है इस कनेक्शन का जहां पानी का टैक्स दो, लेकिन एक बूंद भी पानी नहीं मिलता है। सूर्यभान विश्वकर्मा, स्टूडेंट