गोरखपुराइट्स के लिए गुड न्यूज है. अब उन्हें बैक्टीरिया और वायरस की पहचान कराने के लिए मेडिकल कॉलेज स्थित आरएमआरसी की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी. देश की दूसरी मोबाइल बीएसएल-थ्री लैब गोरखपुर पहुंच चुकी है. इस लैब में कोरोना महामारी हो या फिर पूर्वांचल में पाई जाने वाली तमाम बीमारियां इनके वायरस और बैक्टीरिया की पहचान के लिए अब आईसीएमआर कर यह वैन स्पॉट पर जाकर कलेक्शन करेगी. फिर वहीं वायरोलॉजिस्ट की मदद से सीधे वायरस या बैक्टिरिया की वैन में ही डायग्नोसिस हो जाएगी. एक वैन महाराष्ट्र के नासिक में है और दूसरी अब गोरखपुर पहुंच चुकी है. यह बस पूरी तरह से टेक्नोलीज बेस्ड के साथ-साथ फुली एसी है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। जो देश-विदेश के किसी भी एक्सपर्ट लैब से कनेक्ट हो सकेगी। इसका इनॉगरेशन आईसीएमआर महानिदेशक और सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथों होने की उम्मीद है। हालांकि अभी उदघाटन की तिथि तय नहीं है। डेट फाइनल होने के बाद इसका उद्घाटन किया जाएगा। गोरखपुर में वायरस बैक्टिरिया का प्रकोप


गोरखपुर व आसपास के जिले में तेजी के साथ इंसेफेलाइटिस, डेंगू, जीका वायरस व कोरोना समेत अन्य बीमारियों के वायरस और बैक्टीरिया की पहचान करने के लिए आईसीएमआर बीएसएल-थ्री लैब मोबाइल बस गोरखपुर में आ गई है। इस बस की खासियत के बारे में आरएमआरसी के मीडिया प्रभारी व वायरोलाजिस्ट डॉ। अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि यह मोबाइल बस कंप्लटली बीएसएल-3 लैब होगी, जो कि मोबाइल बस है। यह पूरी तरह से एयर टाइट व आटोमैटिक है। जो बाहर के एनवायर्नमेंट को प्रभावित नहीं करेगी और ना ही भीतर किसी प्रकार कोई एनवायरमेंटल साइड इफेक्ट ही होगा। इसके साथ ही यह पूरी तरह सील्ड होगी। वैक्यूम होंगे। जो सालिड वेस्ट कंटेट को डिस्पोज करने में सक्षम होगी। बायो सेफ्टी होगी। इसमें तीन विधि से किसी भी वायरस या बैक्टेरिया की पहचान के लिए माइक्रोस्कोपी, एलाइजा व पीसीआर टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध होगी। स्पॉट पर पहुंच शुरू हो जाएगी टेस्टिंग

उन्होंने बताया कि बस को कहीं भी ले जाकर वहां पर सैैंपल कलेक्ट किए जा सकेंगे और वहीं टेस्टिंग शुरू हो जाएगी। अक्सर क्या होता है कि किसी भी वायरस या बैक्टीरिया के टेस्टिंग के दौरान ट्रांसपोर्ट करने में खतरा रहता है या फिर सैैंपल लैब तक पहुंचने में समस्याएं आती हैैं। ऐसे में कंडीशन में यह लैब खुद ही उस जगह पर पहुंच कर ट्रेस करने का काम करेगी। उन्होंने बताया कि इसकी सबसे खास बात यह होगी कि किसी भी प्रकार के पैथोजन (वायरस या बैक्टीरिया) की रोकथाम में मददगार साबित होगी। गोरखपुर-बस्ती मंडल समेत नेपाल और बिहार तक यह अपनी सेवा देगी। इंटरनेशनल लेबल पर इसकी पहचान होगी। जो पूरी तरह से आटोमैटिक है। यह है इसकी खासियत - 25 करोड़ रुपए है इस बस की कीमत- फुली एसी एंड एयर टाइट - एलाइजा, माइक्रोस्कोपी व पीसीआर से लैस - इंटरनेट, सेटेलाइट, जीपीएस सिस्टम से अटैच- वायरोलाजिस्ट की टीम हर पल होगी साथ- देश-विदेश के किसी भी बीएसएल-थ्री लैब से कनेक्टिविटी - हाई लेवल के साथ-साथ एडवांस एक्विपमेंट्स से लैस - सारे एक्यूपमेंट्स के फंक्शन की मॉनीटरिंग के लिए स्क्रीन इन पर होगी रिसर्च - येलो फीवर वायरस- वेस्ट नाइल वायरस- कोरोना वायरस- स्वाइन फ्लू वायरस

- मर्स वायरस - इंसेफेलाइटिस - स्क्रब टायफस- डेंगू - मलेरिया- हेपेटाइटिस - ड्रग रेजिस्टेंट - टीबी बैक्टेरिया बीएसएल-थ्री लैब पूरी तरह से मोबाइल बस है। यह हाईटेक के साथ-साथ पूरी तरह से इंटनेट, सेटेलाइट व जीपीएस से लैस होगी। यह बस गोरखपुर में आ गई। अगले 15 दिनों में एक्सपट्र्स की निगरानी में इसकी टेस्टिंग की जाएगी। इसके बाद इसका इनॉगरेशन किया जाएगा। यह रेडी टू यूज बस है।डॉ। रजनीकांत श्रीवास्तव, डायरेक्टर, आरएमआरसी, गोरखपुर

Posted By: Inextlive