गोरखपुर रेल-बस हादसा: बच्चों के पोस्टमार्टम में कांपे डाक्टरों के हाथ
GORAKHPUR: एक साथ 13 लाशें जब पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंची तो उन्हें देखने के लिए लोगों का ताता लग गया। वहीं जिनकी डयूटी पोस्टमार्टम में लगी थी, उनके मासूम बच्चों के शव को देखकर हाथ कांपने लगे। इस हादसे ने हर शख्स निराश दिखा।
पडरौना के डिस्टीक हास्पिटल के पोस्टमार्टम हाउस में नेताओं से लगाए आम पब्लिक का ताता लगा रहा। जिसे भी इस घटना की सूचना मिली वो पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा। भीड़ को देखते हुए हास्पिटल पुरी तरह छावनी तब्दिल हो गया था।
तीन घंटे में हुआ पोस्टमार्टम
बड़ी घटना को देखते हुए शासन ने हर दिन 2 बजे आने वाले पोस्टमार्टम हाउस के स्वीपरों को सुबह 8 ही बजे बुला लिया। इसके साथ ही चार डाक्टर और दो फार्मासिस्ट को भी तत्काल बुलाया गया। जिसके बाद लगभग दो से बजे 13 बच्चों को के शव का बारी - बारी पोस्टमार्टम हुआ। जो लगभग पांच बजे समाप्त हो गया।
पोस्टमार्टम हाउस के बाहर रोते रहे परिजन
जिसे लाड प्यार से पाला हो, जिसकी हर खुशी को एक इशारे पर पुरा किया हो, उसे आज इस तरह पोस्टमार्टम हाउस में जाते देख उनके परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वहीं जिसने भी इन मासूमों को खुन से लतपथ हालत में देखा उसके तो होश ही उड़ गए। डिस्टीक हास्पिटल में हर तरफ रोने चिल्लाने के आवाजें रूह को कंपा दे रही थी।
चार डाक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम कियासीएमओ डॉ। अखिलेश कुमार की मौजूदगी में डॉ। सतीश कुमार सिंह, डॉ। राम गोपाल गुप्ता, डॉ। अनूप गुप्ता, फार्मासिस्ट मो। जाकिर, नवीन कुमार, स्वीपर शांती देवी और रूपेश कुमार ने पोस्टमार्टम किया। पांच एम्बुलेंस से भेजा शवपोस्टमार्टम करने के बाद बारी - बारी पांच एम्बुलेंस से बच्चों के शव को घर तक भेजा गया। वहीं हर एम्बुलेंस के साथ एक पुलिस की जीप भी पीडि़तों के घर तक गई। वहीं गांव में मृतकों के घर पर भी भारी पुलिस फोर्स तैनात थी।