- गोली बन सकती है पुलिस के गले की फांस

- अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर असमंजस में पुलिस

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

सहजनवां के कसरवल कांड की विवेचना ट्रांसफर होगी। कैंपियरगंज सर्किल से विवेचना ट्रांसफर करने की तैयारी पूरी हो चुकी है । इंस्पेक्टर या एसएसआई को आगे की लिखापढ़ी सौंपने की जद्दोजहद हो रही है। क्राइम ब्रांच को भी विवेचना मिल सकती है। उधर अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर पुलिस ने रोक लगा दी है। मुख्य आरोपियों को अरेस्ट करके उनके बयान के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। आंदोलन के दौरान चली गोली के फेर में भी पुलिस फंसेगी। आईनेक्स्ट ने इस मामले को पहले ही उजागर कर दिया था।

आरक्षण की मांग को लेकर उतरे ट्रैक पर

अनुसूचित जाति का दर्जा पाने के लिए निषाद बिरादरी के लोगों ने आंदोलन छेड़ा है। सात जून को सीहापार और मगहर के बीच नेता संजय निषाद की अगुवाई में लोग जमा हुए। प्रदर्शन के दौरान पथराव, आगजनी, तोड़फोड़ के बीच गोली चली। गोली चलने से इटावा निवासी युवक की मौत हो गई। सहजनवां थाना में एसओ श्यामलाल यादव की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया। रोडवेज बस के दो कंडक्टर्स ने अलग- अलग मुकदमा दर्ज कराया। बस्ती में आरपीएफ ने मगहर रेलवे स्टेशन मास्टर की तहरीर पर केस दर्ज किया। वन संपदा को नुकसान पहुंचाने के आरोप में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने भी आंदोलनकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।

गोली बनेगी पुलिस के गले की फांस

भगदड़ के दौरान इटावा निवासी अखिलेश की मौत दो गोली लगने से हुई थी। लेकिन वह गोली किसने चलाई। इसका कोई जवाब पुलिस, आरपीएफ, पीएसी तथा अन्य सुरक्षा बलों के पास नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अखिलेश को सामने से गोली लगने की पुष्टि हुई। उधर पुलिस ने पीपीगंज के परसौना निवासी धर्मवीर निषाद, मेंहदावल के पुरवा निवासी अखिलेश उर्फ मुसाफिर को अरेस्ट किया। उनके पास तमंचा और कारतूस की बरामदगी दिखाई गई। इस प्रकरण को आई नेक्स्ट ने घटना के दूसरे दिन प्रमुखता से उठाया। आई नेक्स्ट की खबर के बाद पुलिस- प्रशासन गोली की तलाश में जुटा। लेकिन मौके से खोखा बरामद नहीं हुआ। इससे गोली किसने चलाई इस सवाल का जवाब नहीं मिल सका।

क्राइम ब्रांच को सौंपी जाएगी विवेचना

कसरवल कांड की विवेचना कैंपियरगंज सर्किल के थानों में नहीं होगी। सहजनवां, हरपुर बुदहट, कैंपियरगंज के पुलिस कर्मचारी मुकदमे में वादी, गवाह हैं। नियमानुसार इन थानों पर विवेचना नहीं हो सकती है। पीपीगंज के एसओ नये होने से उनको विवेचना नहीं दी जाएगी। इस लिए अफसरों ने इंस्पेक्टर या सीनियर सब इंस्पेक्टर से विवेचना कराने का फैसला लिया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि क्राइम ब्रांच को विवेचना सौपीं जा सकती है।

मुख्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी से आगे बढ़ेगी प्रक्रिया

कसरवल कांड में राजनीति होने से पुलिस बैकफुट पर आ गई है। 37 अभियुक्तों को जेल भेजने के बाद पुलिस ने किसी को अरेस्ट नहीं किया। वीडियो फुटेज के सहारे अभियुक्तों की पहचान में पुलिस को प्रॉब्लम हो रही है। इसलिए पुलिस डॉ। संजय निषाद और उनके करीबियों को अरेस्ट करने के बाद आगे कार्रवाई करेगी। डॉ। संजय निषाद की लोकेशन दिल्ली में मिली। लेकिन पुलिस उनको अरेस्ट कर नहीं पाई।

किसी नये अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया गया है। मुख्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी होने के बाद अन्य सहयोगियों को अरेस्ट किया जाएगा। कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जा रही है।

ब्रजेश सिंह, एसपी ग्रामीण

Posted By: Inextlive