इन्हें कहां है अंजाम की फिक्र, जो भी होगा देखा जाएगा
- रेप की घटनाओं ने बनाया अपराधी
- हर साल बढ़ता जा रहा अपचार का ग्राफ GORAKHPUR: सामाजिक बंदिशों की बेडि़यां तोड़ चुके किशोर अपराधों के दलदल में फंस गए हैं। हालत यह हो गई है कि गंभीर अपराध करने में किशोर तनिक भी नहीं हिचकते। अंजाम की परवाह किए बगैर रेप की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। रेप और रेप की कोशिश के ज्यादातर मामले थानों की चौखट तक पहुंच नहीं पाते। गांव-मोहल्ले के लोग इज्जत की दुहाई देकर कच्ची उम्र के पक्के अपराध को दफन कर देते हैं। पुलिस आंकड़ों पर गौर करें तो इनकी तादाद हर साल बढ़ती जा रही है। रेप के आरोपी, जमानत का इंतजारराजकीय संप्रेक्षण गृह में निरुद्ध 110 बाल अपचारियों में रेप के 40 आरोपी हैं। उनके खिलाफ विभिन्न जिलों में अपहरण, रेप सहित अन्य धाराओं में मुकदमे में चल रहे हैं। खुद को बेकसूर बनाने वाले अपचारी अपनी जमानत का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि प्रेम संबंधों के अलावा पास पड़ोस की किसी किशोरी, साथ पढ़ने वाली छात्रा या फिर किसी परिचित बच्ची के साथ रेप के अलग-अलग आरोप इन अपचारियों पर लगे हैं।
हर साल बढ़ रहा आंकड़ाजिले में रेप के दर्ज होने वाले मामलों में बाल अपचारियों की तादाद कम नहीं हो रही। पुलिस से जुड़े लोगों की माने तो हर साल आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इस साल पुलिस ने करीब 15 किशोरों के खिलाफ रेप का मामला दर्ज किया है। उन पर लड़की को बहला फुसलाकर भगाने, उनके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने सहित कई संगीन आरोप हैं।
हर साल बढ़ रहा आंकड़ा 31 नंवबर 2015 तक साल रेप किशोर 2015 75 15 2014 85 11 2013 85 09