- सड़क पर पड़े गहने युवक ने महिला को किया वापस

- गहने पाकर महिला के छलक पड़े आंसू, घर वालों ने दी दुआएं

PIPRAICH: जिले में मंगलवार को एक तरफ पैसे के भूखे भेडि़यों ने बड़हलगंज क्षेत्र में लूट की वारदात को अंजाम दिया। वहीं दूसरी तरफ पिपराइच क्षेत्र में एक व्यक्ति ने महिला के गिरे डेढ़ लाख के गहने वापस कर ईमानदारी की मिसाल कायम की। अपने गहने पाकर खुशी के मारे महिला के आंखों से आंसू छलक पड़े। महिला के घर के लोगों ने युवक को खूब दुआएं दी और आसपास के लोगों ने ईमानदारी की तारीफ की। क्षेत्र में इस वाकये की पूरे दिन चर्चा होती रही।

मायके जा रही थी महिला

कुशीनगर जिले के अहिरौली थाना क्षेत्र के सुम्हाटार निवासिनी कुसुम देवी पति देवेंद्र के साथ बाइक से पिपराइच क्षेत्र के महाराजी स्थित अपने मायके जा रही थी। मायके में भाई के तिलक में शामिल होने के लिए साथ में गहने ले लिए थे। पर्स फटा था इसलिए महिला ने पर्स में गहने रखकर उसे झोले में रख लिया था। पति ने झोले को रस्सी से बाइक पर बांध दिया था। मंगलवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे पिपराइच विष्णु मंदिर के सामने रस्सी टूट जाने से झोला नीचे गिर गया। दंपत्ति को पता नहीं चला और वे आगे बढ़ते चले गए।

रिक्शे वाले ने देखा

झोला गिरता देख एक रिक्शा चालक ने उसे उठा लिया और लेकर जाने लगा। मंदिर के पास स्थित अपने घर पर मौजूद सच्चिदानंद साहनी पुत्र रामेश्वर साहनी यह सब देख रहे थे। उन्होंने रिक्शे वाले से झोला लेकर अपने पास रख लिया ताकि जब दंपत्ति ढूंढने आए तो उन्हें वापस किया जा सके। सच्चिदानंद ने देखा कि झोले में पर्स में काफी गहने थे तो उन्होंने झोले को ठीक से घर में रख दिया।

ढूंढते हुए लौटे

महाराजी पहुंचने पर दंपत्ति को पता चला कि झोला तो है ही नहीं। इसके बाद उनके होश उड़ गए। पूरे बाजार सहित रोड के दोनों तरफ लोगों से पूछते हुए वापस लौटने लगे। इस बीच कुसुम का धैर्य जवाब दे गया। वह रोने भी लगीं। घर वालों को सूचना दी तो वे भी पहुंच गए। झोला ढूंढते हुए वे पिपराइच पहुंच गए और फिर सच्चिदानंद के दरवाजे पर भी पहुंचे।

वापस किए गहने

सच्चिदानंद ने जब गहने समेत झोला वापस किया तो महिला की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। घर वालों ने सच्चिदानंद को काफी दुआएं दी। वहीं मौके पर मौजूद लोगों ने कुसुम के ससुर व पति को ताने दिए कि पर्स सिलवा दिए होते तो डेढ़ लाख के गहने न गिरते। वहां से महिला मायके चली गई। सच्चिदानंद का कहना था कि डेढ़ लाख खर्च होते देर नहीं लगती लेकिन यदि ईमान चला जाए तो फिर वापस नहीं आता। पूरे दिन सच्चिदानंद की ईमानदारी की चर्चा क्षेत्र में होती रही।

Posted By: Inextlive