मियां साहब इस्लामियां इंटर कॉलेज में जलसा-ए-सीरतुन्नबी का हुआ समापन
गोरखपुर (ब्यूरो)। उन्होंने कहा, तालीम इंसान को इंसान बनाती है। जीने का सलीका सिखाती है। तालीम हासिल करोगे तो स्वावलंबी बनोगे। यही आवाम के लिए और इस वतन के लिए जरूरी है। तालीम और संस्कार दोनों जरूरीअध्यक्षता करते हुए मुफ्ती मतिउर्रहमान ने कहा, बच्चों के लिए तालीम और संस्कार दोनों जरूरी है। यह तालीम मदरसे में मिले चाहे किसी स्कूल में। प्रिंसिपल जफर अहमद खां ने कॉलेज के 113 साल के इतिहास और उपलब्धियों पर रोशनी डाली। प्रबंधक महबूब सईद हारिस ने मेहमानों के प्रति आभार जताया। मुख्य अतिथि एवं कॉलेज मैनेजर ने क्विज, किरात और तकारा के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। इस मौके पर कार्यक्रम के सह संयोजक रिजवान-उल-हक, डॉ। अजीज अहमद, अनवर जया, मिर्जा सलीम, हाजी सुभानअल्लाह, प्रो। रशाद, डॉ। समीउल्लाह बेग, प्रो। इरशाद हुसैन, डॉ। मुस्तकीम खान, मंजूर आलम, शाहिद नबी आदि मौजूद रहे। इन बच्चों को मिला पुरस्कार
मोहम्मद आजम आरिफ, सुमैय्या खातून, मोहम्मद उस्मान, मो। शाबान, मोहम्मद तैय्यब, कैसर अली, फहीम अख्तर, वसीक अहमद, गुलिस्तां नाज, जिकरा सगीर, समन, लायबा नूर, आलिया खानम, जिकरा परवीन, अली अहमद, नाजिया खानम, मोहम्मद उसमान, दराह मरूफ, जैनब, रुखसार परवीन, मोहम्मद हनजला, खान मोहम्मद मुबश्शिर, मोहम्मद अबु तलहा, मोहम्मद शमशाद आलम, अरशा गुलजार आदि।