जलनिगम कर्मी की गोली मारकर हत्या
- चिलुआताल एरिया केमिर्जापुर की घटना
- भूमि के बंटवारे को लेकर चल रहा था विवाद GORAKHPUR: चिलुआताल एरिया के मिर्जापुर गांव में बदमाशों ने जल निगम कर्मचारी हरिश्चंद्र यादव की गोली मारकर हत्या कर दी। बुधवार की रात घर के बरामदे में सो रहे जल निगम कर्मी पर दो गोलियां दागी गई। बगल में सो रहे बच्चों के चिल्लाने पर लोगों को जानकारी हुई। सिर और सीने में गोली लगने से घायल हरिश्चंद्र को डॉक्टर्स ने मेडिकल कॉलेज में मृत घोषित कर दिया। बुधवार की सुबह एसपी सिटी ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली। जल निगम कर्मी के परिजनों ने भूमि विवाद में हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस को सूचना दी है। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। बुधवार की रात सोया था हरिश्चंद्रजल निगम कर्मचारी हरिश्चंद्र रोजाना झोपड़ी में सोता था। उसके पास ही नाती सूरज और नतिनी अराधना सोते थे। बुधवार की रात करीब एक बजे किसी ने हरिश्चंद्र को गोली मार दी। बदमाशों ने तमंचे से सीने और सिर में गोली दागी। गोली चलने पर दोनों बच्चे जागकर चिल्लाने लगे। घर के लोगों की नींद खुल गई। लोगों ने हमलावरों की तलाश की लेकिन उनका पता नहीं चला। हरिश्चंद्र को मेडिकल कालेज ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
ममेरे भाई की पत्नी से चल रहा विवाद परिजनों ने पुलिस को बताया कि हरिश्चंद्र के ममेरे भाई महिपत की मौत हो चुकी है। महिपत की पत्नी बिंदू से भूमि को लेकर हरिश्चंद्र का विवाद चल रहा था। आरोप है कि वह बार-बार भूमि छोड़ने का दबाव बनाते हुए धमकी दे रही थी। ममेरे भाई की पत्नी को भूमि सीधे देने के बजाय हरिश्चंद्र उसके बच्चों के नाम से वरासत कराना चाहते थे। इससे दोनों पक्षों में विवाद बढ़ता चला गया। फील्ड वर्कर थे हरिश्चंद्र महराजगंज जिले के कोतवाली, हड़हवा, अहमदपुर निवासी हरिश्चंद्र जल निगम प्रथम खंड में मैकेनिक फील्ड वर्क पद पर तैनात थे। उनका बेटा रामनिवास बेलीपार के गुरौली में रहता है। राम निवास ने बिंदू देवी सहित चार अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की तहरीर दी है। उसने बताया कि महिपत ने दो साल पहले सुसाइड कर लिया था। रिश्तेदारों के बीच भूमि विवाद को लेकर हत्या की गुत्थी को सुलझाने की कोशिश में पुलिस लगी है।एक नामजद सहित अन्य अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपी बिंदू देवी की तलाश की जा रही है। उसके बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।
-रामपाल यादव, एसओ चिलुआताल