हमारी जेल में मोबाइल नहीं चलेगा
- जेलर, डिप्टी जेलर, बंदी रक्षकों पर गिरेगी गाज
- डीआईजी जेल ने किया इंस्पेक्शन, सुधरेगी बैरक की हालत GORAKHPUR: जेल में बंदियों को सुख सुविधाएं मिलती हैं। वे मोबाइल पर बात करते हैं। गोरखपुर पुलिस प्रशासन की जांच में पोल खुलने पर कार्रवाई तय है। ट्यूज्डे को डीआईजी जेल आरपी सिंह ने मंडलीय जेल का दोबारा इंस्पेक्शन किया। डीआईजी ने संकेत दिया कि बंदियों को सुविधाएं मुहैया कराने में कर्मचारियों पर गाज गिरेगी। डीआईजी ने कहा कि उनकी जेल में मोबाइल नहीं चलेगा। बंदियों को सुख सुविधाएं दी तो कार्रवाई होगी। जेलर, डिप्टी जेलर और बंदी रक्षकों का लिया बयानजेल में छापेमारी के दौरान मोबाइल फोन्स, चाकू, कैंची, सिगरेट सहित कई सामान मिले। गोरखपुर के एसएसपी आरके भारद्वाज ने इसकी रिपोर्ट प्रदेश के गृह सचिव को भेजी। जेल में प्रतिबंधित सामान मिलने पर हड़कंप मच गया। रंगदारी के लिए जेल से बातचीत करने की पोल खुल गई। ट्यूज्डे को सुबह सवा क्क् बजे जेल में पहुंचे डीआईजी ने जेलर आरके सिंह, डिप्टी जेलर राजेश मौर्य , प्रधान बंदी रक्षक चंद्रभान और ओम प्रकाश राय, बंदी रक्षक उदय नारायण, हरिनारायण, अजय सिंह, राजेंद्र गुप्ता, चंद्रदेव चौधरी, सूर्य कुमार सहित अन्य लोगों का बयान लिया। इंस्पेक्शन के दौरान कहा कि जेल की बैरक पुरानी हो चुकी है। इसकी मरम्मत के लिए आईजी जेल को पत्र लिखा जाएगा।
जेल का इंस्पेक्शन किया गया है। बंदी रक्षकों, जेलर और डिप्टी जेलर बयान भी लिया गया। जेल की बैरक काफी पुरानी है। इसकी मरम्मत कराने के लिए आईजी जेल को पत्र लिखा जाएगा। आरके सिंह, डीआईजी जेल