बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी स्कूली बसों का फिटनेस होना है जरुरी - आरटीओ
गोरखपुर (ब्यूरो).बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्कूल के ड्राइवरों को वर्कशॉप के माध्यम से उन्हें ट्रैफिक के रूल और फिटनेस की जानकारी दी गई। साथ ही ड्राइवर के आंखों के जांच करवाने की सलाह दी गई। यह भी बताया गया कि वह निर्धारित सीट के अनुसार ही बच्चों को बैठाएंगे। बस चलाते समय बस का दरवाजा बंद रखें। यह सुनिश्चित कर लें कि कोई भी बच्चा दरवाजे के पास खड़ा न हो और बीच सड़क पर बस रोकर बच्चों को नहीं उतारेंगे। बस में चलते समय खिड़की से झांकने न दें। बच्चों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाएं। स्कूल पहुंचते ही शुरु हो गई स्कूली बसों के फिटनेस की जांच
इसी क्रम में मुख्यालय द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में सीनियर एआरटीओ एनफोर्समेंट बीके सिंह ने हॉलमार्क वल्र्ड स्कूल व मेट्रोपॉलिटन स्कूल में भी फिटनेस फेल वाहनों का निरीक्षण किया। इस दौरान स्कूल के प्रबंधक को निर्देशित किया कि उनके द्वारा अधिकतम दो सप्ताह के भीतर इन वाहनों का फिटनेस करा लिया जाए। फिटनेस कराने के लिए वांछित समय की सूचना आरटीओ कार्यालय को भेजी जाए। बिना फिटनेस की वाहनों को मार्ग पर नहीं भेजा जाए। वहीं यात्री कर अधिकारी रवि चंद त्यागी ने जिले के चार स्कूलों का निरीक्षण कर इन स्कूलों में संचालित वाहनों के प्रबंधकों को निर्देशित किया गया कि बिना फिटनेस के बसों को न संचालित किया जाए। यात्री कर अधिकारी ने यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल, सेंट आरयस एकेडमी स्कूल, देव मेमोरियल स्कूल में पहुंचे थे।