संविधान को चलाने के लिए निहित मूल्यों का होना अनिवार्य: चीफ गेस्ट
गोरखपुर (ब्यूरो।) संविधान बनाते समय संविधान निर्माताओं ने मूलाधिकार, संघात्मक ढाचा और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को विशेष रूप से ध्यान दिया। संविधान यह अपेक्षा करता है कि सभी संस्थाएं सीमाओं में कार्य करें। न्यायपालिका की भूमिका पर विभिन्न प्रकरणों को चर्चा करते हुए विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला, जो संविधान की रक्षक की भूमिका में है, जिससे अभी भी हमारी आकांक्षाएं न्यायपालिका में बनी हुई है। यह बाते लॉ डिपार्टमेंट के पूर्व अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता एवं डीन एकेडमिक चाणक्य नेशनल लॉ यूिनवर्सिटी, पटना के प्रो। अनिरुध प्रसाद ने कहीं। प्रसाद शुक्रवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के लॉ डिपार्टमेंट की ओर से सविंधान दिवस पर ऑर्गनाइज प्रोग्राम में बतौर चीफ गेस्ट संबोधित कर रहे थे।
बता दे, डीडीयूजीयू के लॉ डिपार्टमेंट की ओर से गुरुवार और शुक्रवार को सविंधान दिवस के अवसर पर दो दिवसीय प्रोग्राम ऑर्गनाइज की गई थी। इसका समापन शुक्रवार को किया गया। इसी कड़ी में शुक्रवार को सुबह नौ बजे डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स की ओर से प्रभात फ़ेरी निकाली गयी। प्रभात फ़ेरी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यानंद उपाध्याय, एसएसपी डॉ। विपिन टांडा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राहुल सिंह, बार काउंसिल यूपी के सदस्य मधुसूदन त्रिपाठी, अधिवक्ता अशोक नारायण धर दुबे, विभागाध्क्ष शिक्षा शास्त्र विभाग प्रो शोभा गौड़, अधिष्ठाता वाणिज्य संकाय प्रो अवधेश तिवारी, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो शांतनु रस्तोगी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो अजय सिंह, प्राक्टर प्रो सतीश चन्द्र पाण्डेय, अंग्रेजी विभाग से प्रो अजय कुमार शुक्ला सहित आदि मौजूद रहे। स्टूडेंट्स ने निकाली प्रभात फेरीबता दे, प्रभात फ़ेरी लॉ संकाय भवन से हिन्दी विभाग होते हुए यूनिवर्सिटी परिसर से बाहर निकल कर यूनिवर्सिटी चौक और पंत पार्क होते हुए पुन: यूनिवर्सिटी मेन गेट से अन्दर आ कर विज्ञान संकाय भवन होते हुए कला संकाय से दीक्षा भवन पर जा कर रुका। वहीं दीक्षा भवन में आचार्य प्रतापादित्य स्मृति में एक विशेष व्याख्यान का ऑर्गनाइज की गई। गोष्ठी का शीर्षक रोल ऑफ ज्यूडिशियरी इन फुलफिलमेंट ऑफ कॉन्स्टिट्यूशनल एस्पिरेश था। प्रोग्राम के चीफ गेस्ट लॉ डिपार्टमेंट के पूर्व अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता एवं डीन एकेडमिक चाणक्य नेशनल लॉ यूिनवर्सिटी, पटना प्रो। अनिरुध प्रसाद रहे। अध्यक्षता डिपार्टमेंट के आचार्य प्रो। जितेन्द्र मिश्र ने किया। प्रोग्राम को शुभारंभ गेस्ट्स द्वारा सरस्वती माँ के प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन से किया गया। - 'न्यायपालिका और संसद जनता के आकांक्षाओं के विरूद्ध कोई भी सिद्धांत नहीं देती
प्रोग्राम की अध्यक्षता कर रहे लॉ डिपार्टमेंट से प्रो। जितेंद्र मिश्र ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए 26.11 को मुंबई हमले में शहीदो को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने इस दौरान मौजूद सभी को संविधान सभा के सदस्य डॉ। हरी सिंह गौर के जन्मदिवस की याद दिलाई। बताया कि कोई भी न्यायपालिका और संसद जनता के आकांक्षाओं के विरूद्ध कोई भी सिद्धांत नहीं देती है। डॉ। अम्बेडकर के विचारो पर प्रकाश डालते हुए उनके एक लाइन संविधान गलत नहीं होता उनको पालन करने वाले लोग गलत हो सकते हैं को याद किया। धर्म और पंथ के भेद को बताया और राम चरित मानस के चौपाइयों से संवैधानिक प्रावधानों का बखूबी सहसंबंध स्थापित किया।प्रोग्राम के दौरान यूनिवर्सिटी के प्रो। उमेश नाथ त्रिपाठी, प्रो। शरद कुमार मिश्रा, दिनेश चंद्र त्रिपाठी , डॉ। महेंद्र कुमार सिंह, डॉ। राजलक्ष्मी मिश्र, डॉ। अमित कुमार उपाध्याय, विधि विभाग के सहायक आचार्यगण डॉ। वेद प्रकाश राय ,डॉ। सुमन लता चौधरी, वंदना सिंह, डॉ। ओम् प्रकाश सिंह, डॉ। मनीष राय, डॉ। शैलेश सिंह, अलोक कुमार, अमित कुमार दुबे, जय प्रकाश आर्या सहित आदि मौजूद रहे।